इन दिनों देशभर में हर ओर डेंगू का आतंक। डेंगू से हो रही अकाल मौतों के कारण हर कोई भयभीत है। यहां हमें इस बात को भी समझना होगा कि हमारी लापरवाही के कारण बढते जा रहे गन्दगी के साम्राज्य और गंदे पानी के कारण ही डेंगू फैलाने वाले मच्छर बढ़ रहे है। सरकारी अमले की निष्क्रियता, लापरवाही और असंवेदनशीलता के प्रति जनप्रतिनिधियों व सरकार का मौन भी डेंगू फैलने का बड़ा कारण है। याद रहे डेंगू वायरस के संक्रमण से होता है।
डेंगू होता क्या है?
लक्षण : अचानक पसीना युक्त बहुत तेज बुखार, रक्तचाप की कमी, आँखों में लाली, दिल की धड़कनें कम हो जाना, आँखों में जलन और आँखों के उपरी भाग/पलकों पर दर्द, कमर में दर्द, बदन की मांसपेशियों और जोड़ों में खिंचाव, सर्दी लगना, बेचैनी, घबराहट, सिर में दर्द इत्यादि डेंगू के संभावित लाक्षणिक संकेत हैं।
प्लेटलेट्स घटना : डेंगू के कारण पीड़ित व्यक्ति के शरीर से प्लेटलेट्स की मात्रा निरंतर घटती चली जाती है, जिसके दुष्परिणामस्वरूप शरीर के अन्दर रक्त का प्रवाह होने लगता है। ऐसी स्थिति में रोगी की मौत हो सकती है।डेंगू के इलाज के लिए एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में इसके सफल इलाज हेतु प्लेटलेट्स चढ़ानी होती है, लेकिन सभी अस्पतालों में यह सुविधा संभव नही है। साथ ही यह काफी खर्चीला उपचार है।
प्लेटलेट्स सेल क्या है?
प्लेटलेट्स सेल फ़्रैगमेन्ट्स होते हैं जिनके कारण रक्त का थक्का जमता है और इसीलिए ये खतरनाक रक्तस्त्राव को रोकने के लिए ज़रूरी होती हैं। जब हमें कहीं चोट लग जाये या शरीर का कोई अंग कट जाये या अंगुली कट जाने पर या नाक से निकलने वाला रक्त बहना बंद हो जाए तो समझ लीजिये कि प्लेटलेट्स सेल्स काम कर रही हैं। ये कोशिकाएं खून (Blood) में पाई जाती हैं, जहाँ ये आपस में एक—दूसरे से बंधी हुई होती हैं और इस प्रकार हमारे शरीर में प्रवाहित होते हुए रक्त के बाहर निकलने के मार्ग को नियंत्रित करती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार प्लेटलेट्स हमारे खून (Blood) में सिर्फ 10 दिन तक ही जीवित रहती हैं। इसलिए इनकी पुनः पूर्ती की ज़रूरत लगातार बनी रहती है। एक औसत स्वस्थ व्यक्ति के प्रति माइक्रो लीटर रक्त में 1,50,000 से 4,50,000 तक प्लेटलेट्स पाई जाती हैं। अगर किसी रोगी की प्लेटलेट्स की संख्या या प्लेटलेट्स काउंट 150 है, तो इसका मतलब है कि प्रति माइक्रोलीटर रक्त में 150000 प्लेटलेट्स हैं।
प्लेटलेट्स को बढ़ाने वाले खाद्य-पदार्थ :
प्रोटीन
अनार
विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थ
विटामिन A से भरपूर खाद्य-पदार्थ
दूध
फोलेट युक्त भोजन
पपीता
तत्काल क्या करें?
किसी भी योग्य डॉक्टर या किसी भी चिकित्सा पद्धति के प्रति दुराग्रह पाले बिना डेंगू का तुरंत उपचार लेने में संकोच नहीं करें। यदि सम्भव हो तो किसी दक्ष योगी की देखरेख में प्राणायाम भी किये जा सकते हैं।
आयुर्वेद/हर्बल उपचार : नोट : दवाई का सेवन करने से पहले रोगी की स्थिति के बारे में किसी योग्य चिकित्सक की राय ले सकें तो बेहतर होगा।
आर्थिक तंगी के कारण या अन्य किसी कारण से यदि कोई उपचार उपल्ब्ध नहीं हो तो निम्न नुस्खा/काढा आजमाया जा सकता है :—
1. गिलोय (गुरूची) की डाली—3 इंच।
2. घरेलु तुलसी के पत्ते—2
3. काली तुलसी के पत्ते—5
4. पुराना गुड़—30 ग्राम
5. भूमि/भूई आंवला पंचांग—10 ग्राम
6. पपीता का एक पत्ता।
7. सोंठ—10 ग्राम।
8. अजवायन—5 ग्राम।
9. काली मिर्च—5 नग।
10. तेज पत्ता—5 ग्राम।
उक्त सभी को कूट—पीसकर आधा लीटर पानी में पकावें, जब एक चौथाई/125 मिली रह जाये तो काढे को छानकर नवाया—नवाया/कुनकुना रोगी को पिलावें।
परिणाम : उक्त काढे को सुबह—शाम पिलाने से अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।
अन्त में यह और करें : उक्त के अलावा रोगी को सुबह खाली पेट घृतकुमारी/एलोवीरा का 20—25 ग्राम रस और दिन में एक—दो बार नारियल पानी भी पिलाते रहें। रोगी को हर घंटे में पोष्टिक खाना खिलाते रहें। इस सबसे भी प्लेटलेट्स तेजी से बढने में मदद मिलगी।
सेवासुत डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
मो. एवं वाट्स एप नम्बर : 9875066111
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