नयी दिल्ली 30 जनवरी, पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच कल से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के फिर हंगामेदार होने की संभावना है क्योंकि विपक्ष नोटबंदी के मुद्दे को फिर उठाएगा और इस पर चर्चा की मांग करेगा, तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही एलान कर दिया है कि वह नोटबंदी के विरोध में बजट सत्र के शुरू के दो दिन संसद की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा, इस बीच संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए आज सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों से संसद में शांतिपूर्वक कामकाज होने की अपील की। हालांकि बैठक में सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुए। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं से कहा कि संसद देश की महापंचायत है और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा चाहती है। सभी दलों को इसमें अपनी बात रखनी चाहिए जिससे कि संसद को नेताओं के अनुभव का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि ज्ञान सिर्फ सत्ता पक्ष के पास नहीं है बल्कि सभी सदस्यों को बहस में अपने विचार रखने चाहिए । प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव प्रचार के समय कुछ गिले शिकवे हो सकते हैं लेकिन मतभेदों को आम सहमति से दूर किया जाना चाहिए। बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि विपक्ष बज़ट सत्र में नोटबंदी के मुद्दे को फिर उठाएगा और इस पर चर्चा की मांग करेगा। गौरतलब है कि इस मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चल सका था। विपक्षी दलों ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए बजट सत्र को आगे बढ़ने की मांग की थी लेकिन सरकार ने सत्र को आगे नहीं बढाया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि बजट सत्र इतनी जल्दी बुलाने का क्या औचित्य है। यह बजट पिछली तिमाही की बजाय उससे पहले की तिमाही यानी अगस्त से अक्तूबर के आंकड़ों पर ही आधारित होगा इसलिए इसमें नोटबंदी के प्रभाव का आकलन नहीं हो पायेगा।
सोमवार, 30 जनवरी 2017
प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद बजट सत्र भी हंगामेदार रहने की संभावना
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