पेयजल एवं स्वच्छता यांत्रिक प्रमण्डल, दुमका में महाघोटाला, - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 29 जनवरी 2017

पेयजल एवं स्वच्छता यांत्रिक प्रमण्डल, दुमका में महाघोटाला,

  • प्रभारी कार्य0 अभि0 मयंक कुमार के विरुद्ध पूर्व विधायक कमलाकांत प्रसाद सिन्हा ने खोल दिया है मोर्चा
  • अपने रिश्तेदारों के नाम पर टेबुल टेंडर निकाल कर आनन-फानन में कर दिया गया साढ़े 77 लाख रुपये का भुगतान

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अमरेन्द्र सुमन, दुमका : प्रभारी कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता यांत्रिक प्रमण्डल, दुमका मयंक कुमार द्वारा सरकारी नियम व विभाग के उच्च पदाधिकारियों के आदेश की अवहेलना करते हुए बिना निविदा निकाले जाली कोटेशन प्राप्त कर टेबुल टेंडर के माध्यम से 77, 64, 150 (77 लाख 64 हजार 150 रुपये) की एक मोटी राशि को सीधा हड़प जाने का संगीन मामला प्रकाश में आया है। पूर्व विधायक कमलाकांत प्रसाद सिन्हा ने कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव झारखण्ड को अलग-अलग पत्रों के माध्यम से उपरोक्त घोटाले की उच्चस्तरीय जाँच की माँग की है। पत्र सं0-101 व 102 दिनांक 16.09.2016 के माध्यम से मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को अलग-अलग पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि संताल परगना प्रमण्डल के बाहर के एक निजी रिश्तेदार प्रो0 जियोटेक इन्टरप्राईजेज धनबाद व एक अन्य रिश्तेदार से जाली कोटेशन प्राप्त कर जहाँ एक ओर उन्होनें कार्यो के विरुद्ध टेबुल टेंडर निकालकर सरकारी नियम-कानून की धज्जियाँ उड़ाई है वहीं दूसरी ओर विभागीय आदेशों को ठेंगा दिखा दिया। पूर्व विधायक श्री सिन्हा का कहना है कि अधीक्षण अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता यांत्रिक अंचल, दुमका में तकनीकी सलाहकार के पद पर पदस्थापित मयंक कु0 भगत ने पैसे, पैरवी व अपने रसूख के बल पर व उच्चाधिकारियों को गुमराह कर जहाँ एक ओर प्रभारी कार्य0 अभि0 (यांत्रिक) का प्रभार प्राप्त कर लिया वहीं दूसरी ओर कुर्सी पर बैठते ही फर्जी तरीके से लाखों रुपये की अवैध निकासी कर विभाग को पूरी तरह से लूटने का काम किया है। विदित हो दुमका में पदस्थापना से पूर्व श्री भगत धनबाद में पदस्थापित थे। धनबाद में भी श्री भगत ने नियम विरु़द्ध सगे-संबंधियों के नाम कार्य आवंटित कर फर्जी तरीके से लाखों रुपये का भुगतना किया है जिसके आरोप उनपर लगातार लगते रहे हैं। पिछली गलतियों से कोई सीख न लेते हुए दुमका में भी श्री भगत का गोरखधंधा उनके पदस्थापना काल से ही लगातार जारी है। मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम प्रेषित पत्र में जिक्र करते हुए पूर्व विधायक श्री सिन्हा ने कहा है कि मार्च 2016 में विभाग से बासुकिनाथ जलापूर्ति केन्द्रों की मरम्मती व संरक्षण के लिये पेयजल एवं स्वच्छता यांत्रिक प्रमण्डल, दुमका को 3, 92, 000-00 (3 लाख 92 हजार) रुपया प्राप्त हुआ था। 





प्रभारी कार्य0 अभि0 ने अपने निजी संबंधी/रिश्तेदार गौरी इन्टरप्राईजेज, राँची का जाली कोटेशन प्राप्त कर बिना किसी कार्य के तीन दिनों के अन्दर संपूर्ण राशि का भुगतान उपरोक्त के नाम करवा दिया। विदित हो बासुकिनाथ जलापूर्ति केन्द्रों का संचालन नगर पंचायत बासुकिनाथ व असैनिक प्रमण्डल दुमका-1 द्वारा किया जा रहा है जिसके तहत 2,20,000-00 (2 लाख 20 हजार) का भुगतान अलग से कर दिया गया जबकि विभागीय सचिव के आदेशानुसार अक्टूबर 2015 में ही उपरोक्त जलापूर्ति केन्द्रों का प्रभार नगर पंचायत बासुकिनाथ को यांत्रिक प्रमण्डल द्वारा सौंप दिया गया था। पूर्व विधायक का कहना है कि जब बासुकिनाथ जलापूर्ति केन्द्र यांत्रिक प्रमण्डल के प्रभार में था ही नही ंतो फिर मार्च 2016 में प्राप्त आवंटन की कुल राशि 3, 92, 000-00 (3 लाख 92 हजार) रुपये तथा मधुपुर जलापूर्ति केन्द्र के लिये पत्र सं0-61 (आ0) दिनांक-03.05.2016 को प्राप्त 45,000 रुपये अर्थात कुल 4, 37,000 रुपये का भुगतान किस आधार पर उसी माह को कर दिया गया ? इसी तरह दुमका शहरी जलापूर्ति केन्द्र हिजला की मरम्मती, संरक्षण व संचालन के लिये नगर परिषद् दुमका द्वारा क्रमशः पत्रांक-919 दिनांक-20.05.2016 व पत्रांक-1102 दिनांक 18.06.2016 के द्वारा प्रथम किस्त के रुप में 2, 41, 000 व अंतिम किस्त के रुप में 3, 41, 900 रुपये (कुल राशि-5, 82,000 रुपये) मई/जून 2016 में प्रभारी कार्य0अभि0 को दिया गया था। दिलीप मोटर वाइंडिंग, दुमका को मोटर इत्यादि की मरम्मती के नाम पर मात्र 25 हजार रुपये का भुगतान कर संपूर्ण राशि जियोटेक इन्टरप्राईजेज, धनबाद के प्रोपराईटर श्री गुप्ता से जाली कोटेशन प्राप्त कर टेबुल टंेडर के माध्यम से उपरोक्त राशियों की बंदरबांट कर ली गई। अखबारों में इस कार्य का कोई विज्ञापन तक इसके एवज मे प्रकाशित नहीं करवाया गया। प्रभारी कार्य0 अभि0 के कार्यों का पोल खोलते हुए श्री सिन्हा ने लिखा है कि बासुकिनाथ, नोनीहाट व मोतीहारा मोटर पम्प मरम्मति व संरक्षण के लिये सचिवालय राँची के पत्र सं0-112 (आ0) दिनांक 22.06.2016 के द्वारा कार्य0 अभि0 को 19, 59, 000 रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ था। सरकारी नियम की धज्जियाँ उड़ाते हुए कार्य0 अभि0 ने जाली कोटेशन प्राप्त कर व सीधे संचिका तैयार कर  अपने नजदीकी संबंधी/रिश्तेदार के नाम पर उपरोक्त तमाम राशियों का भुगतान कर दिया गया जो विभाग के लिये विचारणीय विषय है। 

श्रावणी मेला 2016 में नगर निगम देवघर ने पत्र सं0- 2109 दिनांक-05.07.2016 के द्वारा देवघर स्थित मोटर पम्प की मरम्मती व अन्य कार्यों के लिये पेयजल एवं स्वच्छता यात्रिक प्रमण्डल, दुमका को 15,00,000 रुपये व देवघर के नावाडीह पम्प प्लांट के लिये 1, 61, 000 (कुल 16, 61, 000 रुपये) रुपये दिया गया था, यहाँ भी प्रभारी कार्य0 अभि0 मयंक कु0 भगत ने अपने रिश्तेदार के नाम पर जाली संचिका तैयार कर आपसी मिलीभगत के तहत राशियों का बंदरबांट कर लिया। प्रभारी कार्य0 अभि0 के महाघोटाले को उजाकर करते हुए पूर्व विधायक श्री सिन्हा ने कहा कि उपराजधानी दुमका के प्रखण्ड शिकारीपाड़ा में 25 अद्द नलकूप व प्लेटफार्म निर्माण के लिये पेजयल एवं स्वच्छता प्रमण्डल सं0-1 द्वारा पत्र सं0 3437 दिनांक 20.05.2016 के द्वारा 14, 37, 125 रुपये व पेयजल एवं स्वच्छता प्रमण्डल पाकुड़ द्वारा पत्र सं0-600 दिनांक 22.06.2016 के माध्यम से 14, 37, 125 रुपये (दोनों को मिलाकर कुल 28, 74, 250 रुपये) कार्य0 अभि0 श्री भगत को दिया गया था। श्री भगत ने नलकूप निर्माण में जहाँ एक ओर निर्धारित गहराई से बहुत कम बोरिंग (ड्रिलिंग) करवाया वहीं घटिया क्वालिटी के केसिंग पाईप का प्रयोग किया। नलकूप प्लेटफार्म का निर्माण संपन्न करवा कर अपने संबंधियों/रिश्तेदारोंको श्री भगत ने शुद्ध मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान किया। घटिया सीमेंट र्व इंटों की वजह से नलकूपों के प्लेटफार्म अपना अस्तित्व कब का खो चुका है। मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव, झारखण्ड को अलग-अलग प्रेषित पत्र में जिक्र करते हुए पूर्व विधायक श्री सिन्हा ने कहा है कि मार्च व मई/जून 2016 में प्राप्त सरकार द्वारा कुल आवंटित 77, 64, 900 रुपये की मोटी राशि के इस महाघोटाले की उच्चस्तरीय जाँच हो ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ सके। श्री सिन्हा ने कहा है कि श्री भगत द्वारा निडर होकर जिस तरह सरकारी राशियों की बंदरबांट की गई उसकी जाँच सीबीआई अथवा निगरानी टीम से करायी जानी चाहिए तथा सरकारी राशि की बंदरबांट करने वाले पदाधिकारी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर उन्हें सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए। 

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