युवाओं में खेल- कूद की भावना के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 28 जनवरी 2017

युवाओं में खेल- कूद की भावना के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध : नीतीश

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पटना, 27 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीवन में शिक्षा के साथ खेल-कूद के महत्व को रेखांकित करते हुए आज कहा कि उनकी सरकार राज्य के लोगों में खेल-कूद की भावना के विकास के लिये कई योजनाओं पर काम कर रही है । श्री कुमार ने राजधानी पटना के मिथिलेश स्टेडियम में 65वीं अखिल भारतीय पुलिस चैम्पियनशीप का उद्घाटन करते हुये कहा , “ शिक्षा के साथ-साथ युवाओं के बीच खेल- कूद की भावना का विकास हो, इसके लिये कार्य किया जा रहा है। राज्य में कई तरह के खेल प्रतियोगिताओं का लगातार आयोजन हो रहा है। राज्य में युवाओ के बेहतर भविष्य के लिये खेल-कूद से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिये बिहार राज्य खिलाड़ी कल्याण कोष का गठन भी किया गया है। ” मुख्यमंत्री ने चैम्पियनशीप में शिरकत करने आये 34 टीमों के खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रतियोगिता का आयोजन होना काफी खुशी की बात है। हालांकि वर्ष 1951, फिर 40 वर्ष बाद 1992, 1997, 2012 और 2013 में कुश्ती कलस्टरों की प्रतियेागिता हुयी थी और अब वर्ष 2016 की पुनः कुश्ती कलस्टर का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस ने प्रतियोगिता की सफलता के लिये हर तरह की व्यवस्था की है। 





श्री कुमार ने शराबबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार के युवाओं का बेहतर भविष्य के लिये राज्य में शराबबंदी लागू की गयी है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में शराब का नशा अपने पांव पसार रहा था जिससे कम उम्र के लोग भी शराब के आदि हो रहे थे। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से एक कदम आगे बढ़कर अब नशामुक्ति के लिए मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशामुक्ति के लिए आयोजित किये गये मानव श्रृंखला में तीन करोड़ से भी अधिक लोग सम्मिलित हुए। मानव श्रृंखला के जरिये लोगों ने शराबबंदी एवं नशामुक्ति के पक्ष में अपनी भावना प्रकट की। उन्होंने कहा कि मानव श्रृंखला में भाग लेने के लिये लोगों में इतना उत्साह था कि जो रूट तय नहीं थे, उस पर भी लोग श्रृंखला बनाकर खड़े हो गए। लोगों के आंकड़ों से साबित हो गया है कि राज्य में शराबबंदी और नशामुक्ति के पक्ष में बहुत बड़ी शुरूआत हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा , “ हम चाहते हें कि आने वाली पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल हो। बिहार को कुछ पढ़े-लिखे तथाकथित लोग बदनाम करते हैं। हालांकि विरोध करने वाले भी मानव श्रृंखला में खड़े हो गए। शराबबंदी के पूर्व छोटी उम्र में बच्चों को शराब की लत लग रही थी। यदि बच्चों में ही चेतना आ जाती है तो वे अपने परिवार के सभी सदस्यों को जागरूक करते हैं।” श्री कुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन में बच्चों को सिखाया जाता है कि भूकम्प आने पर क्या किया जाना चाहिये। ऐसे बच्चे घरों में जाकर पूरे परिवार को जागरूक करते हैं। शराबबंदी के लिये स्कूल के बच्चों ने अपने अभिभावकों से शपथ पत्र भरवाया था। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्रायें जागृत रहेंगे तो शराबबंदी के पक्ष में जागृति आयेगी। 

श्री कुमार ने कहा कि कुछ लोग शराबबंदी को बेकार बता रहे हैं और इसके कानूनी प्रावधानों को अधिक कठोर बता रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हत्या के आरोप में फांसी, आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान पहले से है , तो क्या हत्या होना रूक गया। क्या कानून खत्म कर हत्या की आजादी दे दी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे उपायों के जरिए शराब पाने वालों पर भी सरकार की पूरी नजर है लेकिन सिर्फ कानून से काम नहीं होगा। शराबबंदी को लेकर जन चेतना जब तक जागृत नहीं रहेगी, तब तक पूर्ण कामयाबी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि मानव श्रृंखला के दिन से ही यानि 21 जनवरी से 22 मार्च तक शराबबंदी से नशामुक्ति तक के लिये जन चेतना अभियान शुरू किया गया है। श्री कुमार ने कहा कि नशामुक्ति को लेकर महिलाओं में एक नई जागृति आ रही है। कोई भी काम सिर्फ कानून बनाने से नहीं होता बल्कि जनभागीदारी आवश्यक होती है। शराबबंदी और नशामुक्ति के लिये मानव श्रृंखला सबसे बड़ा उदाहरण है। उद्घाटन समारोह को राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी0के0 ठाकुर, अपर पुलिस महानिदेशक सुनील कुमार ने भी संबोधित किया। 




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