गुवाहाटी, 28 जनवरी, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लेखकों और शिक्षाविदों से देश में सांस्कृतिक माहौल के निर्माण में योगदान का आह्वान करते हुये कहा कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सुनिश्चितता के लिये प्रयासरत है। श्री जावड़ेकर ने यहां प्रथम ब्रह्मपुत्र साहित्य महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि विविधता और बहुलतावाद देश को परिभाषित करता है और ‘विविधता में एकता’ ही देश की मजबूती का आधार है। उन्होंने प्राचीनकाल से कायम देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि सांस्कृतिक महानता ही भारत को एक राष्ट्र के रूप में बरकरार रखा है और इसकी फलने-फूलने की संभावना में बढ़ोतरी की है। उन्होंने लेखकों को सामयिक सच्चाईयों को प्रदर्शित करते हुए अपने कार्याें के माध्यम से देश में सांस्कृतिक और बौद्धिक समाज के निर्माण सोसाइटी निर्मित करने को कहा। उन्होंने बच्चों और युवा पीढ़ी से भी अध्ययन की आदतों को अपने में समाहित करने को कहा और इस संबंध में पुस्तकालयों की महत्ता को समझने का अनुरोध किया। उन्होंने आपातकाल के समय अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार देश में वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है। साहित्यिक महोत्सव के प्रयासों पर बल दते हुए उन्हाेंने कहा कि इस तरह का महोत्सव ‘सांस्कृतिक निवेश सम्मेलन’ है और इसे जरूर बढ़ावा दिया जाना चाहिये। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अपने संबोधन में उम्मीद जताई कि महोत्सव में आये अतिथि लेखक राज्य और यहां की महान नदियां ब्रह्मपुत्र अौर बराक को जरूर उद्धृत करेंगे। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय लेखकों रैंडी तागुची, ममांग दाई और दामोदर मौजो और नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष बल्देव भाई शर्मा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। महोत्सव में 10 देशों से 16 लेखकों सहित देश के 150 से अधिक लेखक हिस्सा ले रहे हैं। महोत्सव का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय और असम सरकार के सहयोग से एनबीटी और असम प्रकाशन बोर्ड की ओर से किया जा रहा है।
शनिवार, 28 जनवरी 2017
देश में सांस्कृतिक माहौल निर्मित करे लेखक : जावड़ेकर
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