रांची, 28 जनवरी, हरियाणा के सूरजकुंड में एक से 15 फरवरी के बीच आयोजित मेले में इस बार लोगों को झारखण्ड की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस बार थीम स्टेट झारखंड को बनाया गया है। यह जानकारी यहां झारखंड के पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी ने संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि पिछले 30 वषरें से हर साल हरियाणा सरकार भारत पर्यटन विभाग के सहयोग से हस्तशिल्प और कला संस्कृति का मेला लगाती है। इस मेले में हर साल किसी न किसी राज्य को थीम स्टेट बनाया जाता है। 2017 के सूरजकुंड मेला का थीम स्टेट झारखण्ड को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड के लिए यह ऐतिहासिक मौका है, जब झारखण्ड की कला संस्कृति, यहां के रहन सहन, खान पान को न सिर्फ पूरा देश बल्कि 20 अन्य देश भी जान सकेंगे। बाउरी ने कहा कि झारखंड को पहले सिर्फ खनिज के लिए जाना जाता था लेकिन सूरजकुंड में लघु झारखण्ड को देख कर पर्यटक झारखण्ड को और भी अच्छे से जान सकेंगे। इस मेले में झारखण्ड की प्रसिद्ध कला सोहराय, कोहबर, डोकरा, जादोपटिया को भी प्रदर्शित किया जायेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने झारखण्ड के ब्रांड एंबेसडर बन कर अपने राज्य के प्रति लोगों के मन में बसी नकारात्मक छवि को बदलने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में सरकार यहां के युवाओं को रोजगार देने का प्रयास कर रही है। विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि थीम स्टेट झरखण्ड होने के कारण सूरजकुंड में मेले के मुख्य द्वार से लेकर सड़क तक हर जगह झारखण्ड की झलक देखने को मिलेगी। मेला के प्रवेश द्वार को मलुटी मंदिर की तरह तैयार किया गया है जो स्थायी रूप से रहेगा। वहीं अस्थायी गेट इटखोरी, डोकरा आर्ट और रजरप्पा मंदिर की थीम पर बनाया जा रहा है। भगवान बिरसा मुंडा की 18 फुट उंची एक प्रतिमा भी लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि पर्यटक झारखण्ड के आदिवासियों के रहने और उनके तौर तरीके को जान सकेंगे। शर्मा ने कहा कि मेले मे भाग लेने के लिए झारखण्ड से करीब 400 कलाकार सूरजकुंड जा रहे है, जिनमें इस साल के पद्मश्री सम्मानित कलाकार मुकुन्द नायक भी अपनी प्रस्तुति देंगे। उन्होंने बताया कि झारखण्ड के 50 हस्तशिल्प कलाकारों की टीम भी मेला में भाग ले रही है। इस मेले का पूरा बजट 2.5 करोड़ रुपया है।
शनिवार, 28 जनवरी 2017
सूरजकुंड मेला में दिखेगी झारखण्ड की संस्कृति की झलक
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