नयी दिल्ली, 29 जनवरी, परीक्षा का जीवन की सफलता-असफलता से कोई लेना देना नहीं होने को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को तनाव मुक्त रहने की सलाह दी और उन्हें ‘स्माइल मोर, स्कोर मोर’ का मंत्र देने के साथ ही अभिभावकों से परिवार में उत्सव जैसा माहौल बनाने को कहा । ‘आकाशवाणी’ पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरा सभी से आग्रह है कि पूरा परिवार एक टीम के रूप में इस उत्सव को सफल करने के लिए अपनी-अपनी भूमिका उत्साह से निभाए। देखिए, देखते ही देखते बदलाव आ जाएगा।’’ मोदी ने कहा, ‘‘इसलिए मैं तो आपसे कहूंगा ‘‘स्माइल मोर, स्कोर मोर’’ जितनी ज्यादा खुशी से इस समय को बिताओगे, उतने ही ज्यादा नंबर पाओगे, करके देखिए। और आपने देखा होगा कि जब आप खुश होते हैं, मुस्कुराते हैं, उतना आप ज्यादा सहज अपने आप को पाते हैं ।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा अपने-आप में एक खुशी का अवसर होना चाहिये । साल भर मेहनत की है, अब बताने का अवसर आया है, ऐसे में यह उमंग और उत्साह का पर्व होना चाहिए। बहुत कम लोग हैं, जिनके लिए परीक्षा में प्रसन्नता का मौका होता है, ज्यादातर लोगों के लिए परीक्षा एक दबाव होती है। निर्णय आपको करना है कि इसे आप खुशी का मौका मानेंगे या दबाव मानेंगे। जो खुशी का मौका मानेगा, वो पायेगा और जो दबाव मानेगा, वो पछताएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘और इसलिये मेरा मत है कि परीक्षा एक उत्सव है, परीक्षा को ऐसे लीजिए, जैसे मानो त्योहार है और जब त्योहार होता है, जब उत्सव होता है, तो हमारे भीतर जो सबसे खूबसूरत होता है, वही बाहर निकल कर आता है। समाज की भी ताकत की अनुभूति उत्सव के समय होती है। जो उत्तम से उत्तम है, वो प्रकट होता है।
रविवार, 29 जनवरी 2017
प्रधानमंत्री का ‘स्माइल मोर, स्कोर मोर’ का मंत्र
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