नयी दिल्ली,30 जनवरी, उच्चतम न्यायालय ने आसाराम बापू की दुष्कर्म के दो मामलों में दायर जमानत की याचिका आज खारिज कर दी और साथ ही झूठी मेडिकल रिपोर्ट जमा कराने के कारण उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना और प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश भी दिया। आसाराम ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी। इसके लिए उन्होंने एक मेडिकल रिपोर्ट भी दी थी जिसे न्यायालय ने फर्जी करार दिया। न्यायालय ने आसाराम के स्वास्थ्य पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बोर्ड से 10 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी थी ,जिसे अस्पताल ने दाखिल कर दिया था। इस रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने कहा कि इससे साफ है कि आसाराम की हालत पूरी तरह ठीक है, इसलिए स्वास्थ्य आधार पर उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती। सरकार ने भी आसाराम की जमानत का विरोध किया था। इससे पहले राजस्थान सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि आसाराम के वकीलों ने जमानत मामले मे जेल अधीक्षक का फर्जी पत्र लगाया है , जिसके अनुसार आसाराम की हालत खराब होने की बात बताई गई थी। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 में गिरफ्तार किया था और तभी से वह जेल में है। एक किशोरी ने आसाराम पर आरोप लगाया था कि उन्होंने जोधपुर के निकट स्थित मनाई गांव में बने आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न किया था।
सोमवार, 30 जनवरी 2017
उच्चतम न्यायालय में आसाराम की जमानत याचिका खारिज
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