चालू खातों, एटीएम से निकासी की सीमा हटी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 30 जनवरी 2017

चालू खातों, एटीएम से निकासी की सीमा हटी

withdrawal-limit-on-current-and-atm-removed
मुंबई 30 जनवरी, रिजर्व बैंक, ने व्यापारियों और छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुये चालू खातों से नकद निकासी की साप्ताहिक सीमा समाप्त कर दी है, साथ ही आम लोगों की सुविधा के लिए एटीएम से निकासी की सीमा भी 01 फरवरी से समाप्त हो जायेगी। हालाँकि, बचत खातों से निकासी की 24 हजार रुपये साप्ताहिक की सीमा अभी बरकरार रखी गयी है। केंद्रीय बैंक ने आज जारी एक अधिसूचना में कहा कि अब नोटबंदी से पहले की स्थिति “आंशिक रूप से” बहाल कर दी गयी है। उसने बताया कि चालू खाते, ओवरड्राफ्ट खाते और कैश क्रेडिट खाते से निकासी पर नोटबंदी के बाद से विभिन्न अधिसूचनाओं द्वारा लागू की गयी सीमाएँ तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गयी हैं। इन खातों से निकासी की सीमा अभी एक लाख रुपये प्रति सप्ताह है। उसने बताया कि एटीएम से नकद निकासी की 10 हजार रुपये प्रतिदिन की सीमा भी 01 फरवरी से समाप्त हो जायेगी। हालाँकि, बचत खातों से निकासी की साप्ताहिक सीमा 24 हजार रुपये पर यथावत रखी गयी है। इस प्रकार अब बचत खाताधारक एटीएम से एक ही दिन में 24 हजार रुपये तक निकाल सकेंगे। नोटबंदी के बाद एटीएम से निकासी की सीमा पहले दो हजार रुपये प्रतिदिन रखी गयी थी जिसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाते हुये 16 जनवरी से 10 हजार रुपये दैनिक किया गया था। अधिसूचना में बचत खातों से निकासी सीमा के बारे में कहा गया है “बचत खातों से निकासी की सीमा फिलहाल जारी रहेगी और भविष्य में इसे हटाने पर विचार जारी है।” एटीएम से निकासी की सीमा के बारे में इसमें कहा गया है कि बैंक चाहे तो अपनी परिचालन सीमाएँ देखते हुये अपनी ओर से सीमाएँ तय कर सकते थे जैसा कि 08 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा से पहले प्रावधान था।




कोई टिप्पणी नहीं: