नयी दिल्ली 13 फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से संबंधित घोटालों से जुड़े एक मामले में सामूहिक नकल के दोषी 634 मेडिकल छात्रों के दाखिले आज रद्द कर दिये। मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए सामूहिक नकल के दोषी छात्रों के दाखिले रद्द किये। न्यायालय ने कहा, “2008 से 2012 तक पांच वर्षीय मेडिकल पाठ्यक्रम में किये गये दाखिले नियम सापेक्ष नहीं थे।” उच्च न्यायालय ने मेडिकल छात्रों को राहत नहीं दी थी, जिसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसे यह तय करना था कि सामूहिक नकल के दोषी इन मेडिकल छात्रों को राहत दी जाये या नहीं। गौरतलब है कि छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत की दो न्यायाधीशों (न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर एवं न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे) की पीठ ने दो अलग-अलग फैसले सुनाये थे। बाद में मामले को तीन न्यायाधीशों की पीठ को भेजा गया था। व्यापमं मे सामूहिक नकल की बात सामने आने पर 2008-2012 के छात्रों के बैच के दाखिल रद्द कर दिये गये थे।
सोमवार, 13 फ़रवरी 2017
व्यापमं घोटाला: 634 मेडिकल छात्रों के दाखिले रद्द
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