बीजिंग,08 फरवरी, चीन ने अमेरिका को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि उसे दक्षिण चीन समुद्र के विवादित द्वीपों के बारे में इतिहास की अपनी जानकारी को दोहरा लेना चाहिये क्याेंकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुये समझौतों में चीन को यह अधिकार दिया गया था कि जापान ने जिन क्षेत्रों पर कब्जा किया था उन पर चीन का अधिपत्य होगा। गौरतलब है कि इन विवादित द्वीपों पर नये अमेरिकी प्रशासन की टिप्पणियों से चीन बहुत ही आहत है। अमेरिका के विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन ने संसद में हाल ही में कहा था कि चीन का उन द्वीपों पर कोेई अधिकार नहीं होना चाहिये। इसके अलावा व्हाइट हाऊस ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जलीय क्षेत्र में ‘अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों’ की रक्षा करने का संकल्प भी व्यक्त किया है। पिछले हफ्ते अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने सुझाव दिया था कि दक्षिण चीन समुद्र के मामले में कूटनीतिक विषयों को प्राथमिकता दी जानी चाहिये। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग यी ने ऑस्ट्रलिया की राजधानी कैनबरा में कल कहा,“मेरी अमेरिकी दोस्तों को सलाह है कि द्वितीय विश्व युद्ध के इतिहास के बारे में अपनी जानकारी को दोहरा लें।” उन्होंने कहा कि 1943 के काहिरा घोषणा पत्र और 1945 पोर्ट्सडेम समझौते में साफ कहा गया है कि जापान ने जिन चीनी क्षेत्रों पर कब्जा किया था वे उसे चीन को लौटाने होंगे। इसमें नांनसा द्वीप भी शमिल हैं।
बुधवार, 8 फ़रवरी 2017
दक्षिण चीन समुद्र के इतिहास पर अमेरिका अपनी जानकारी दोहराये : चीन
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