श्रीनगर 09 फरवरी, संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के चार वर्ष पूरे होने पर जम्मू-कश्मीर के घाटी क्षेत्र में आज अलगाववादियों की ओर से आहूत हड़ताल के मद्देनजर घाटी के निचले इलाकों,शहर-ए-खास और अन्य इलाकों में कर्फ्यू जैसी पाबंदी लागू की गयी है ।
पुलिस ने बताया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिये आज सुबह से ही सिविल लाइंस समेत शहर ए खास एवं शहर के निचले इलाकों में निषेधाज्ञा लागू की गयी है । हालांकि जमीन पर स्थिति पूरी तरह अलग नजर आयी। लोगों ने बताया कि सुरक्षाबलों और राज्य पुलिस ने सभी को घरों के अंदर रहने की सलाह दी और मुख्य सड़क को कटींले तारों से घेरा गया एवं बुलेट प्रूफ वाहन तैनात किये गये ।
अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेस (एचसी) के दोनों धड़ों और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(जेकेएलएफ) ने अफजल गुरु की बरसी के मौके पर आज हड़ताल का आह्वान किया है। आज ही के दिन चार वर्ष पहले संसद पर हमला करने के दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गयी थी और बाद में उसके शव को दिल्ली में दफना दिया गया था। अलगाववादी संगठन उसके शव को कश्मीर में दफनाने की मांग कर रहे हैं ।
बड़ी संख्या में सुरक्षा बलाें और राज्य पुलिस को पूरे निचले इलाकों एवं शहर ए खास में आज सुबह से ही तैनात रखा गया है। ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के मुख्य द्वार को फिर से बंद कर दिया गया है। यहां जामिया मार्केट में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात गया है और किसी को भी यहां आने की इजाजत नहीं दी जा रही है । सुरक्षा बलों ने बुलबुल लंकर,नवा कदाल,कवडरा और राजौरी कदाल में किसी भी तरह के प्रदर्शन को विफल करने के लिये मुख्य सड़क को कंटीले तार से बंद कर दिया है ।
सुरक्षाबलों ने बड़शाह चौक,गाव कदाल और रेडक्रास सड़क समेत हाजी मस्जिद को कंटीले तारों से बंद रखा है। इस बीच, श्रीनगर के मुख्य केंद्र लाल चौक पर कोेई पाबंदी नहीं है, हालांकि इसके बावजूद भी यहां दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे ।
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