नयी दिल्ली, 14 फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने (डीए) के मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता की सह-आरोपी वी के शशिकला एवं दो अन्य आरोपियों को आज दोषी करार देते हुए उनकी चार साल की सजा और 10 करोड़ रुपये का जुर्माना बरकरार रखा। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की पीठ ने इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए निचली अदालत के फैसले काे सही ठहराया, जिसने जयललिता, शशिकला, इलावारसी और सुधाकरन को चार-चार साल जेल की सजा और 10 करोड़ रुपये का जुर्माना किया था। न्यायालय ने राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) स्वीकार करते हुए अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला को तत्काल आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा कि तीनों दोषियों को जेल की सजा की अवधि पूरी करनी होगी। शीर्ष न्यायालय के इस फैसले के साथ ही शशिकला करीब दस साल तक सक्रिय राजनीति से अलग रहेंगी, क्योंकि लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार, सजा पूरी करने के छह साल बाद तक वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगी।
मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017
शशिकला दोषी करार, राजनीतिक भविष्य पर ग्रहण
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