नयी दिल्ली 10 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की वित्तीय शक्तियों में चार गुना इजाफा करते हुये हथियार खरीद सौदों में 500 करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपये कर दिया है और ऐसे सौदों में श्री पर्रिकर स्वविवेक के आधार पर निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने आज बताया कि यह निर्णय हाल ही में मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति समिति(सीसीएस) की बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री ने की थी। इस फैसले के बाद 2000 करोड़ रुपये तक के हथियार खरीद सौदों पर सीसीएस की मंजूरी लेनी अनिवार्य नहीं होगी और रक्षा मंत्री को इस मामले में मंजूरी देने का अधिकार होगा। इससे पहले 500 करोड़ अथवा इससे ज्यादा के रक्षा सौदों पर सीसीएस की मंजूरी लेनी अनिवार्य थी। इस निर्णय का मकसद रक्षा सौदों में अनावश्यक प्रक्रियात्मक बाधाओं को कम करना है ताकि सशस्त्र सेवाओं के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।
गौरतलब है कि इस बार के बजट में सैन्य बलों के लिये 86000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। रक्षा मंत्री की वित्तीय शक्तियों में इजाफा होने के बाद अब हथियार खरीद संबंधी 40 से 50 प्रतिशत प्रस्तावों को सीसीएस के समक्ष रखे जाने की आवश्यकता नहीं है। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय में फिलहाल 2000 करोड़ रुपये अथवा इससे कम के अनेक प्रस्ताव लंबित हैं अौर अब रक्षा मंत्री की वित्तीय शक्तियों में इजाफा होने के बाद ऐसे सभी प्रस्ताव स्वत: त्वरित गति से निपट जायेंगे।
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