नयी दिल्ली 10 फरवरी, अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा एच1बी वीजा नियमों में प्रस्तावित बदलाव से परेशान भारतीय आईटी कंपनियों के मुद्दे को इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है और शीघ्र ही इसके समाधान की उम्मीद है।
इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहाँ संवाददाताओं से कहा कि भारतीय आईटी कंपनियाँ अमेरिका सहित दुनिया के 80 देशों में बेहतरीन सेवायें दे रही हैं। उन देशों के विकास में भी उनका योगदान है। उन्होंने कहा कि दुनिया के 200 शहरों में भारतीय आईटी कंपनियाँ मौजूद हैं और वर्ष 2015-16 में उनका निर्यात 160 अरब डॉलर अर्थात सात लाख करोड़ रुपये रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत की आईटी कंपनियाें ने अमेरिका में चार लाख लोगों को रोजगार के अवसर उवलब्ध कराये हैं और वहाँ की सरकार को 20 अरब डॉलर से अधिक का कर दिया है। अमेरिका की 500 फार्चुन कंपनियों को भारतीय कंपनियाँ सेवायें दे रही हैं। उन्हाेंने कहा कि नासकॉम ने इस मुद्दे पर उनके मंत्रालय से संपर्क किया है।
उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेश सचिव के साथ ही इससे जुड़े अन्य विभागों के सचिवों से भी गुरुवार को मुलाकात की थी। इससे पहले नासकॉम के प्रतिनिधियों ने भी श्रीमती सीतारमण से भेंट कर इस मुद्दे पर चर्चा की थी।
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