नयी दिल्ली 07 फरवरी, प्रचलन से बाहर किये गये पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट एक निर्धारित सीमा से अधिक रखने और ऐसे नोटों के हस्तांतरण को अपराध की श्रेणी में रखने से संबंधित विधेयक को लोकसभा ने आज ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विनिर्दिष्ट बैंक नोट (दायित्वों की समाप्ति) विधेयक, 2017 में प्रचलन से बाहर किये गये नोटों पर भारतीय रिजर्व बैंक तथा सरकार की देयता समाप्त करने का भी प्रावधान किया गया है। यह विधेयक गत 30 दिसम्बर को जारी अध्यादेश का स्थान लेगा। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार कोई भी व्यक्ति 500 और 1000 के अधिकतम दस पुराने नोट अपने पास रख सकता है और अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए ऐसे 25 नोट रखे जा सकते हैं। इससे अधिक संख्या में ऐसे नोट रखने या उनका हस्तांतरण करने पर व्यक्ति को कम से कम दस हजार रुपए या बरामद राशि का पांच गुना, जो भी अधिक होगा, जुर्माना देना होगा। विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है कि गत वर्ष 9 नवम्बर से 30 दिसम्बर के बीच विदेश में रहे भारतीय नागरिक प्रचलन से बाहर किये गये नोटों को रिजर्व बैंक द्वारा तय अवधि के दौरान बदलवा सकते हैं। सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के नोटबंदी के फैसले को नैतिक और कानूनी रूप से पूरी तरह सही करार दिया। उन्होंने कानूनों का हवाला देते हुए नोटबंदी से संबंधित अध्यादेश तथा इस विधेयक के गैर कानूनी और असंवैधानिक होने के विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया।
मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017
नोटबंदी से संबंधित विधेयक को लोकसभा की मंजूरी
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