मोदी ने संसद में किया उत्तराखंड का अपमान : कांग्रेस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017

मोदी ने संसद में किया उत्तराखंड का अपमान : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 07 फरवरी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूकंप के बहाने उनको निशाना बनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए आज कहा कि श्री मोदी ने संसद में उनका मजाक नहीं उड़ाया बल्कि उत्तराखंड की जनता का अपमान किया है। श्री गांधी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर पर कहा “प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड आपदा का मजाक उड़ाया तथा आजादी की लड़ाई की अवमानना की और विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दिया।’’ गौरतलब है कि श्री गांधी ने पिछले दिनों कहा था कि उनके पास प्रधानमंत्री के बारे में ऐसी सूचनाएं हैं जिनका खुलासा होने पर भूकंप आ जाएगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष की इसी टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए श्री मोदी ने लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कहा ‘भूकंप की धमकी तो पहले ही सुनी थी आखिर भूकंप आ ही गया। मैं सोच रहा था भूकंप क्यों आया। कोई तो कारण रहा होगा ।’ कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मोदी को बताना चाहिए कि आठ नवंबर को हुई नोटबंदी के बाद कितना कालाधन वापस आया और देश को किस स्तर पर आर्थिक नुकसान हुआ और कितने लोगों की नौकरी गयी है। उन्होंने यह कहा कि श्री मोदी बताना चाहिए कि नोटबंदी को लेकर विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों तथा रिजर्व बैंक के गवर्नर से की सलाह क्यों नहीं ली गयी और उन्होंने यह फैसला किसके साथ सलाह मशविरो के बाद लिया है। इस बीच पार्टी प्रवक्ता गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में भूकंप को लेकर किए गए मजाक के जरिए उत्तराखंड की जनता का अपनमान किया है। उनका कहना था कि श्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत आपदा पीड़ितों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए की और अंत उनका मजाक उड़ाकर किया। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के पास संसद में अपने विजन को रखने का यह मौका था लेकिन उन्होंने इस अवसर को गंवाया है। उनका कहना था कि श्री मोदी कालेधन की बात करके बेनामी संपत्ति विधेयक के जरिए इस पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने की बात करते हैं लेकिन यह विधेयक कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार 2011 में लेकर आयी थी। इसे तैयार करने में काफी समय लग गया और बाद में जब इसे लोकसभा में पेश किया जाना था तो तब तक लोकसभा का कार्यकाल पूरा हो चुका था इसलिए यह विधेयक उस समय पेश नहीं किया जा सका।

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