गेहूँ उपार्जन के लिये पंजीयन की अंतिम तिथि आज
रबी उपार्जन वर्ष 2017-18 के अंतर्गत जिले में समर्थन मूल्य पर गेंहू उपार्जन के लिए किसानों के ऑनलाईन पंजीयन कार्य 14 फरवरी,2017 तक जारी रहेगा। जिले के समस्त किसान शासन द्वारा निर्धारित की गई पंजीयन तिथि तक अपना पंजीयन कराएं। पंजीकरण के इच्छुक किसान अपने साथ समग्र आईडी, आधार नंबर, बैंक पासबुक तथा ऋण पुस्तिका की फोटो अनिवार्य रूप से साथ लाएं। दिनांक 27 मार्च,2017 से 27 मई,2017 तक समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी की जाएगी। गेंहू केवल पंजीकृत किसानों से ही खरीदा जाएगा।
प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन संपन्न
सी. आर. डी. ई. कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला सीहोर द्वारा ग्राम गोलूखेडी, विकासखण्ड इछावर, जिला सीहोर में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन गत दिवस संपन्न हुआ। प्रक्षेत्र दिवस में सोयाबीन - गेंहूॅ फसल चक्र प्रणाली में समन्वित पोषक तत्व प्रबन्धन तकनीकी पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सोहन वर्मा, प्रगतिषील कृषक, ग्राम गोलूखेडी ने अपने अनुभवों का साझा करते हुए बताया कि सोयाबीन - गेंहूॅ फसल चक्र में अनुषंसित पोषण प्रबन्धन तकनीक अपनाने से गेंहूॅ फसल में 15 प्रतिषत तक वृद्धि की सम्भावना है साथ ही साथ उत्पादन लागत में भी कमी आयी है। कार्यक्रम के दौरान संदीप चैहान, वैज्ञानिक, कृषि प्रसार, कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला सीहोर ने प्रक्षेत्र दिवस के उद्देष्य पर चर्चा करते हुए प्रदर्षित तकनीक की तुलना कृषक पद्धति से करते हुए समन्वित पोषक तत्व प्रबन्धन तकनीक के लाभ को अवगत कराते हुए कृषकों को अपनाने हेतु प्रेरित किया तथा प्रदर्षित तकनीक के प्रदर्षन को अन्य कृषकों को भी दिखाया। संदीप टोडवाल, वैज्ञानिक, मृदा विज्ञान, कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ ने सोयाबीन - गेंहूॅ फसल चक्र में समन्वित पोषक तत्व प्रबन्धन तकनीक पर विस्तार से चर्चा करते हुए मृदा परीक्षण के आधार पर खाद एवं उर्वरक प्रबन्धन के लाभ को बताया। डाॅ. एस. सी. कांटवा, वैज्ञानिक, पशुपालन, कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला सीहोर ने कृषि में पशुपालन के महत्व पर चर्चा करते हुए समन्वित पोषक तत्व प्रबन्धन में गोबर की खाद की भूमिका को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम में गोलूखेडी ग्राम के प्रगतिषील कृषक सर्वश्री राकेष मेवाडा, धरम सिंह वर्मा, प्रहलाद सिंह वर्मा उपस्थित थेे। कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ द्वारा प्रदर्षित तकनीक को अपनाने में आ रही समस्या/जिज्ञासाओं आदि पर उपस्थित कृषकों द्वारा कई प्रष्न किये गये, जिनका समाधान उपस्थित वैज्ञानिकों द्वारा प्रभावी तरीके से किया।
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