पटना 14 फरवरी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की मांग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली की सार्वजनिक तौर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से की जा रही आलोचनाओं से नाराज जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने आज चेतावनी भरे लहजे में साफ कह दिया कि सत्ता रहे या जाये पार्टी अपने नेताओं पर हो रहे लगातार जुबानी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी, वहीं दूसरी ओर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने नेताओं को मीडिया में बयान देने के बजाये उन्हें अपनी तकलीफ बताने की सलाह दी । जदयू विधायक दल के उपनेता श्याम रजक, पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह और नीरज कुमार ने कहा कि राजद के कुछ नेता चापलुसी में बयान दे रहे हैं लेकिन यह महागठबंधन के हित में नहीं है । उन्होंने कहा कि सत्ता रहे या जाए, जदयू कभी भी अपने नेताओं पर लगातार हो रहे जुबानी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा । जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि राजद की ओर से दिए जा रहे बयान महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है। कुछ नेता सरकार के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जदयू के नेताओं ने श्री लालू प्रसाद की कभी निंदा नहीं की है तो फिर जदयू के लोग राजद के हमले को क्यों सहें । श्री यादव को अपने ऐसे नेताओं को समझाना चाहिये।
पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सरकार में रहकर सरकार की आलोचना उनकी पार्टी को कतई मंजूर नहीं है । उन्होंने कहा कि राजद के कुछ नेता निरंतर सरकार का चेहरा बदनाम करने में लगे हैं । जदयू इसे अब सहन नहीं करेगा।
जदयू विधायक दल के उप नेता श्री रजक ने कहा कि यदि राजद के नेता उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता बनाना चाहते हैं, तो क्यों नहीं वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को महागठबंधन विधायक दल की बैठक बुलाने को कहते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान से महागठबंधन पर बुरा असर पड़ता है ।
इस बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पार्टी के किसी विधायक को यदि किसी बात को लेकर कोई नाराजगी है तो मीडिया में अपनी बात रखने के बजाये वे उनसे सीधे बात करें । वह विधायकों की दिक्कत दूर कर देंगे । उन्होंने कहा कि यदि कोई विधायक या पार्टी का नेता मीडिया में जाता है तो वह पहले उनसे पूछ ले और उसके बाद ही वहां जाकर पार्टी का पक्ष रखे ।
श्री यादव ने मीडिया में हो रही बयानबाजी को मूर्खतापूर्ण करार दिया और कहा कि इसका अर्थ का अनर्थ निकाला जा रहा है । उन्होंने कहा कि महागठबंधन अटूट है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद विधायकों से लेकर कार्यकर्ताओं तक की बात सुनते हैं । किसी विधायक की शक्ति कम नहीं होती है वे अपनी समस्या को तो सदन में उठा सकते हैं ।
गौरतलब है कि राजद विधायक भाई विरेन्द्र ने सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया था कि नीतीश सरकार में अफसरशाही हावी है और विधायकों को मान सम्मान नहीं मिल रहा है । उनके साथ ही मंत्री चन्द्रशेखर और विधायक सुरेन्द्र यादव ने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी ।
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