पुणे पहुंचा स्वस्थ भारत यात्री दल, आगाखां महल स्थित कस्तुरबा गांधी की समाधी पर बा को दी श्रद्धांजलि महात्मा गांधी के सचिव महादेव भाई की समाधी और महात्मा गांधी के अस्थीस्थल पर भी दी श्रद्धांजलि डॉ. गणेश राख एवं सहयोगियों ने किया भरपूर स्वागत स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज अभियान को मजबूति प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र में डॉ.राख बनायेंगे दर्जन भर बालिकाओं को गुडविल एंबेसडर पुणे के नागरिकों के साथ बालिका स्वास्थ्य पर हुआ सघन विमर्श भ्रूण हत्या का कलंक अब गुजरात एवं महाराष्ट्र पर भी
पुणे, ‘स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज’ का संदेश देने के लिए राष्ट्रव्यापी यात्रा पर निकले स्वस्थ भारत यात्रा दल के सदस्य पुणे स्थित आगा खां प्लैस में महात्मा गांधी के स्मारक पर पहुंचे। भारत छोड़ो आंदोलन के 75वीं वर्षगाठ पर गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के मार्गदर्शन में स्वस्थ भारत (न्यास) द्वारा शुरू की गई ‘स्वस्थ भारत यात्रा’ के यात्रियों ने कस्तुरबा गांधी की समाधी पर जाकर उन्हें भावभिनी श्रद्धांजलि दी। भारत छोड़ो आंदोलन के शुरू होने के बाद महात्मा गांधी, उनकी धर्मपत्नी कस्तुरबा गांधी, उनके सचिव महादेव भाई देसाई, जयप्रकाश नारायण की पत्नी प्रभावती देवी सहित अन्य स्वाधीनता सेनानियों को ब्रीटीश हुकूमत ने आगाखां प्लेस में नज़रबंद कर दिया था। स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मकसद से बने इस महल के विभिन्न कमरों में सभी को तकरीबन 2 सालों तक नज़रबंद कर रखा गया था। यहां महात्मा गांधी ने अपने दो प्रिय जनों को खोया, जिनमें उनकी पत्नी कस्तुरबा गांधी एवं उनके सचिव महादेव भाई देसाई थे। इन दोनों का अंतिम संस्कार इसी पैलेस परिसर में किया गया था। इनदोनों की समाधी आज भी वहां स्थित है।
पुणे में भारत छोड़ो आंदोलन के दिनों को स्मरण करते हुए विभिन्न वर्ग के नागरिकों से यात्रा दल के सदस्यों ने मुलाकात की और उन्हें बालिका स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया। नागरिकों के बीच हुए विमर्श में इस बात पर जोर दिया गया कि बालिकाओं की बेहतर सेहत के लिए डॉक्टरों के बीच जागरूकता फैलाने के साथ साथ मां-बाप एवं समाज को भी जगाने की जरूरत है। मुलगी बचाओं अभियान चला रहे डॉ. गणेश राख ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज भी समाज बालिकाओं को लेकर उदासिन है। उन्होंने बताया कि माता-पिता अपने पुत्रों की देखभाल एवं उनकी चिकित्सा के लिए जितने ज्यादा तत्पर रहते हैं वैसी तत्परता लड़कियों के मामले में नहीं दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों की भ्रूण हत्या के लिए हरियाणा जैसे राज्य बदनाम हो गए हैं लेकिन हकीकत यह है कि बेटियों की भ्रूण हत्या का दौर गुजरात एवं महाराष्ट्र जैसे राज्य में तेज हो गया है। बेटियों की रक्षा के लिए सरकार और संस्थाएं अभियान चला रही हैं लेकिन धनलोलुप डॉक्टर भ्रूण हत्या करने से आज भी बाज नहीं आ रहे हैं। इस मौके पर डॉ. गणेश राख ने यात्रा दल को आश्वस्त किया कि आने वाले दिनों में दर्जनों बालिकाओं को स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का गुडविल एंबेसडर मनोनित करेंगे जो स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाजा आंदोलन को जनआंदोलन बनाने में अपनी भूमिका निभायेंगी। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार एवं चिंतक प्रसून लतांत ने स्वस्थ भारत यात्रा की उपयोगिता की चर्चा करते हुए कहा कि बेटियों की रक्षा के लिए अनुकूल माहौल बनाने के मकसद से इस तरह की यात्रा देश-दुनिया में पहली बार निकाली जा रही है। यह यात्रा लड़कियों के प्रति सदियों से बरती जा रही उपेक्षा की मानसिकता को खत्म करने में कामयाबा होगी।
पुणे में मुलगी बचाओ अभियान से जुड़ी भाग्यश्री सहित कई कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। आज पूरी दुनिया में भाग्यश्री जैसी हजारों कार्यकर्ता बेटी बचाओं आंदोलन को जनआंदोलन में बनाने में सक्रिय हैं। बेटियों को जन्म लेने का अधिकार, उनके जन्म पर उनके स्वागत का संस्कार और बेटियों के प्रति समाज की क्रूर अवधारणाओं को दूर करने के लिए एक जनआंदोलन की जरूरत पर जोर इस विमर्श में दिया गया। स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने जयपुर, कोटा, भोपाल, इंदौर, गोधरा, अहमदाबाद, सूरत एवं मुंबई आदि शहरों में यात्रा के मकसद पर केंद्रित दर्जनों सभाओं के अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए यह विश्वास दिलाया कि हर उस काम में कामयाबी मिलती है जिसके लिए सघन प्रयास किया जाता है। उन्होंने बताया कि यात्रा के क्रम में अब तक 35 से अधिक बालिकाओं को ‘स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज’ का गुडविल एंबेसडर बनाया गया है जो आने वाले दिनों में बेटियों के जन्म लेने के अधिकार की सुरक्षा के साथ-साथ उनके प्रति समाज के क्रूर रवैये को बदलने में कामयाब होंगी। आगे यात्रा की जानकारी देते हुए श्री आशुतोष ने कहा कि स्वस्थ भारत यात्रा दल के सदस्य दूसरे चरण के तहत कोल्हापुर, बेलगाम और गोवा होते हुए दक्षिण भारत के सभी राज्यों के विभिन्न शहरों में जायेंगे।
गौरतलब है कि स्वस्थ भारत यात्रा भारत छोड़ो आंदोलन के 75वीं वर्षगांठ पर शुरू हुआ है। नंई दिल्ली में मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस यात्रा को गांधी स्मृति एंव दर्शन समिति, संवाद मीडिया, राजकमल प्रकाशन समूह, नेस्टिवा अस्पताल, मेडिकेयर अस्पताल, स्पंदन, जलधारा, हेल्प एंड होप, आर्यावर्त, आइडिया क्रैकर्स, वर्ल्ड टीवी न्यूज, पंचायत खबर सहित अन्य कई संस्थानों का समर्थन है।
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