दरभंगा 06 फरवरी, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डा0 राज किशोर झा ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि शैक्षणिक सत्र को नियमित करना एवं ससमय परीक्षा और परीक्षा फल का प्रकाशन और कार्यालयों की कार्य संस्कृति में सुधार उनकी पहली प्राथमिकता होगी। डा. झा ने कुलपति का पदभार ग्रहण करने के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मिथिलांचल का अपना अलग महत्व है। विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में उन्हें जो चुनौतिया मिली है जिसका सामना करने के लिए वह पूरी तरह तैयार है। उन्होंने अधिकारियों, शिक्षक एवं छात्रों के बीच परस्पर संबंध की वकालत करते हुए कहा कि पूर्व के कुलपति के समय संवादहीनता की स्थिति थी जो अब नहीं रहेगी। कुलपति ने कहा कि आधुनिक संचार प्रणाली का अधिक से अधिक उपयोग कर छात्रों एवं शिक्षकों को लाभ पहुचाने की दिशा में आज से ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों कार्यालयों के भी आधुनिक तकनीकि से लैश कर संचिका के निष्पादन में तेजी लाने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी (आई टी) सेल की स्थापना जल्द की जाएगी। डा0 झा ने कहा कि छात्र मुझसे कभी भी मिल सकते है। उनकी समस्या का निष्पादन समय पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत शिक्षकों को सेवांत लाभ समय पर मिले इसके लिए भी वे अलग से प्रकोष्ठ का गठन करेंगे। उन्होंने कहा कि आज ही मुझे इस विश्वविद्यालय के एक शिक्षक की सेवानिवृति के कई महिनों के बाद भी पेंशन नहीं मिलने और उनकी मौत की जानकारी मिली है यह अमानवीय कृत है जिसकी जितनी निन्दा की जाए कम है। पत्रकार सम्मेलन से पहले डा0 झा ने अधिकारियों एवं सम्बद्ध 42 महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यो के साथ बैठक कर शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करने एवं समय पर वर्ग संचालन कराने का निदेश दिया।
मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017
उच्च शिक्षा में विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण : कुलपति
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