धनबाद 22 मार्च, झारखंड में काले हीरे की राजधानी के नाम से देश विदेश में अपनी पहचान बना चुके धनबाद जिले में गैंगवार में पिछले चार दशक में 15 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गैंगवार के कारण धनबाद की काली धरती लाल होती रही लेकिन गैंगवार में हत्याओं का सिलसिला नहीं थमा। गैंगवार में अबतक वही होता रहा है जिसकी कोयलांचल के लोगो ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की कल हुई हत्या भी इसी कड़ी का हिस्सा है। पिछले चार दशक पूर्व कोयलांचल मे गैंगवार की शुरूआत कांग्रेस के कद्दावर नेता बी. पी. सिन्हा की हत्या से हुई। मजदूर नेता श्री सिन्हा की हत्या वर्ष 1978 में कर दी गई। उसके बाद 1983 में शफी खान, इसके अगले वर्ष मोहम्मद असगर, 1985 में लालबाबू सिंह, 1986 में मिथलेश सिंह और शमीम खान, 1987 में जयंत सरकार, 1988 में उमाकांत सिंह,1989 में राजू यादव,1994 में मणीन्द्र मंडल, 1998 में मो. नजीर और विनोद सिंह, 1999 में सकलदेव सिंह की हत्या हुई। इसी तरह वर्ष 2000 में रवि भगत, 2001 में जफर अली, 2002 में गुरूदास चटर्जी, 2003 में राजीव रंजन सिंह, 2006 में गजेन्द्र सिंह, 2006 में वाहिद आलम, 2011 में इरफान खान और सुरेश सिंह और वर्ष 2012 में रंजय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद 21 मार्च 2017 को नीरज सिंह कह हत्या कर दी गई।
गुरुवार, 23 मार्च 2017
कोयलांचल के चार दशक में गैंगवार में 15 कद्दावर लोगों की हुई हत्या
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