नयी दिल्ली 23 मार्च, उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाये जाने के मामले की सुनवाई छह अप्रैल तक के लिए आज टाल दी। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र बोस और न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन की पीठ ने कहा, ‘‘हम इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद छह अप्रैल को करेंगे। इस बीच सभी संबंधित पक्ष इस मामले में अपना लिखित हलफनामा पेश करेंगे।’’ न्यायालय को आज (23 मार्च) यह तय करना था कि विवादित ढांचा ढहाये जाने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विश्व हिन्दू परिषद नेता विनय कटियार और अन्य पर आपराधिक साजिश रचने के आरोप में फिर से मुकदमा चलाया जाए या नहीं। न्यायालय ने न्यायमूर्ति रोहिंगटन की अनुपस्थिति के कारण कल यह मामला आज के लिए टाल दिया था। आज सुनवाई के दौरान पीठ ने सभी पक्षों को कहा कि वे लिखित हलफनामा न्यायालय के समक्ष पेश करें। इसके बाद छह अप्रैल को अदालत अगली सुनवाई करेगी। इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 20 मई 2010 को इन नेताओं के खिलाफ बाबरी मस्जिद गिराने के लिए आपराधिक साजिश रचने के आरोप को खारिज कर दिया था। ऐसा करते हुए उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के निर्णय को कायम रखा था। बाद में इस आदेश के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने याचिका दायर की थी और इस फैसले को रद्द करने की मांग की थी।
गुरुवार, 23 मार्च 2017
बाबरी विध्वंस मामले में सुनवाई दो सप्ताह टली
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