पटना 22 मार्च, बिहार सरकार ने पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मार्च निकालकर निषेधाज्ञा आदेश का उल्लंघन करने को लेकर जन अधिकार पार्टी (जाप) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव समेत 40 लोगों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को न्यायालय की अनुमति से आज वापस ले लिया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओमप्रकाश की अदालत ने बिहार सरकार से स्वीकृति प्राप्त कर पटना के जिला दंडाधिकारी की ओर से अभियोजन पदाधिकारी ने मामले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत एक आवेदन दाखिल कर मुकदमा वापस लिये जाने की अनुमति मांगी थी। आवेदन पर सुनावाई के बाद अदालत ने मुकदमा वापस लेने की प्रार्थना स्वीकार करते हुये मामले के सभी 40 आरोपितों को आरोप मुक्त कर दिया। उल्लेखनीय है कि मामले की प्राथमिकी 11 जुलाई 2015 को पटना के कोतवाली थाना में दर्ज की गई थी। आरोप के अनुसार बिहार बंद के आह्वान के दौरान जन अधिकार पार्टी (जाप) के सदस्यों ने डाक बंगला चौराहे पर घेराव कर यातायात बाधित किया और निषेधाज्ञा आदेश का उल्लंघन किया था। इस मामले में पुलिस ने 16 अगस्त 2016 को सांसद श्री यादव समेत 40 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
गुरुवार, 23 मार्च 2017
सरकार ने पप्पू यादव के खिलाफ निषेधाज्ञा उल्लंघन का मुकदमा वापस लिया
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