नयी दिल्ली 23 मार्च, पूर्व सांसदों की पेंशन एवं भत्तों को लेकर कल उच्चतम न्यायालय द्वारा की गयी टिप्पणी के मद्देनजर राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली ने आज कहा कि लाेकतंत्र के सभी स्तंभों के अधिकारों का एक दूसरे काे सम्मान करना चाहिए और किसको कितनी पेंशन मिलेगी यह तय करना सरकार का काम है। सदन में शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल और कांग्रेस के जयराम रमेश ने उच्चतम न्यायालय की एक पीठ के इस संबंध में दिये गये बयान का उल्लेख करते हुये गहरी नाराजगी जतायी। श्री रमेश ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश का यह बयान गंभीर है। न्यायाधीश ने कहा कि देश के 80 फीसदी पूर्व सांसद करोड़पति हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि अभी भी बहुत से पूर्व सांसद हैं जो गरीबी में जी रहे हैं। उन्हेें जीवन यापन के लिए काम करना पड़ रहा है। इस पर श्री जेटली ने कहा कि सरकारी राशि का व्यय करने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ संसद के पास है। संसद की अनुमति के बगैर कोई भी सरकारी राशि व्यय नहीं की जा सकती है। किसको और कितनी पेंशन मिलेगी यह तय करना सरकार का काम है। इसके मद्देनजर लोकतंत्र के सभी स्तंभों को एक दूसरे के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
गुरुवार, 23 मार्च 2017
लोकतंत्र के स्तंभों को एक दूसरे के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए : जेटली
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