नयी दिल्ली,21 मार्च, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने चुनाव में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सभी तरह की कार्पोरेट फंडिंग को ख़त्म करने और राजनीतिक दलों की खर्च सीमा तय करने की सरकार से मांग की है। इसके अलावा देश में चुनाव के समय सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ मतदान की पर्ची निकालने वाली मशीन लगाने की भी मांग की है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज पत्रकारों से कहा कि देश में चुनाव सुधारों की खूब बातें होती हैं लेकिन सरकार चुनाव में धन बल को रोकने के लिए कुछ नहीं करती बल्कि गोवा और मणिपुर में गलत तरीके से सरकार बनाने के लिए धन बल का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि कल राज्यसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा होगी। श्री येचुरी ने कहा कि चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तो चुनाव आयोग ने निर्धारित की है लेकिन राजनीतिक दलों के लिए खर्च की कोई सीमा तय नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि सभी दलों के लिए खर्च की सीमा तो तय हो तो कार्पोरेट फंडिंग को भी ख़त्म कर दिया जाना चाहिए। अगर कार्पोरेट लोकतंत्र के लिए कुछ करना चाहता है तो उसके पैसे से एक राष्ट्रीय चुनाव निधि गठित हो जिससे चुनाव की राजकीय फंडिंग हो। उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी को लेकर अनेक शिकायतें मिली हैं और चुनाव आयोग ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ईवीएम के साथ मतदान पर्ची की मशीन के लिए फंड देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले तत्कालीन चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने पर्ची की मशीन लगाने का आदेश दिया था लेकिन अभी तक केवल 10 प्रतिशत मशीनें ही लगाई जा सकी हैं। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इन मशीनों के लिए 30 हज़ार करोड़ रुपए जारी करना चाहिए।
मंगलवार, 21 मार्च 2017
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चुनाव में कार्पोरेट फंडिंग खत्म करने,राजनीतिक दलों की खर्च सीमा तय करने की मांग: येचुरी
चुनाव में कार्पोरेट फंडिंग खत्म करने,राजनीतिक दलों की खर्च सीमा तय करने की मांग: येचुरी
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