- एकता परिषद,बिहार के कार्यक्रम के सिलसिले में हैं बिहार में
पटना। अभी-अभी प्रसिद्ध गांधीवादी पी.व्ही.राजगोल जी को ग्रामीण विकास, अहिंसा व शांति, बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास, भूमि सुधार आंदोलन के प्रति निस्वार्थ समर्पण रूपी कार्य को देखते हुए अवधेष प्रताप सिंह विष्वविद्यालय, रीवा तथा श्री गुरू गोविंद सिंह त्रिकोणमितीय विष्वविद्यालय गुरूग्राम के द्वारा डी.लिट. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। इन दिनों डा.राजगोपाल हैं बिहार में। पटना जिले जिले के विक्रम प्रखण्ड मुख्यालय पर तीन दिवसीय युवा नेतृत्व षिविर 19 से 21 मार्च तक आयोजित किया गया। इस षिविर में सूबे के 13 जिलों, झारखण्ड, मध्यप्रदेष व केरल के कोई 200 नवयुवक-नवयुवतियांे ने हिस्सा लिये। एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष डा. राजगोपाल पी.व्ही. ने षिविर का नेतृत्व किया। मौके पर उन्होंने सामाजिक न्याय, समता व शांति स्थापित करने के लिए अहिंसात्मक आंदोलन के माध्यम से सामाजिक बदलाव में युवाओं की भूमिका और नेतृत्व के लिए प्रषिक्षित किया। षिविर में श्रमदान, समूह परिचर्चा व प्रस्तुति, बौद्विक सत्र, सामूहिक खेलकूद, सामूहिक गान और रैली के लिए अलग-अलग सत्र आयोजित किये गये। बिहार में वंचित समुदाय दलित, महादलित और अनुसूचित जनजाति की भूमि संबध्ंाी समस्याओं और उसके समाधान पर व्यापक चर्चा हुई। बुधवार 22 मार्च को सत्याग्रहियों का एक दल चम्पारण गया। दल का नेतृत्व डा. राजगोपाल जी ने किया। आज 23 मार्च को सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान देषभर से आये वरिष्ठ गांधीजनों के द्वारा राजगोपाल जी को सत्याग्रह की पवित्र मिट्टी सौंपा गया। इस सत्याग्रह की पवित्र मिट्टी को लेकर सत्याग्रहियों का दल पूर्वी चम्पारण से लौटकर पटना जिले के नौबतपुर आयेगा। इस पवित्र मिट्टी को लेकर 24 मार्च को सत्याग्रही पटना के लिए कूच करेंगे। इस पदयात्रा में बिहार के अलग-अलग हिस्सों से आये लगभग एक हजार सत्याग्रही भाग लेगें। इस आंदोलन में बिहार सहित अन्य राज्यों के भी भूमि अधिकार पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्विजीवी, संगठन और पत्रकार भाग लेंगे। सत्याग्रह पदयात्रा का नेतृत्व डा. राजगोपाल जी करेंगे। नौबतपुर बाजार, होते हुए चिरौरा के पास पहला पड़ाव डालेंगे। 25 मार्च को वहां से खगौल, फुलवारी होते हुए हड़ताली स्थल गर्दनीबाग पटना में पहुंचेंगे। यहां पर विषाल जनसभा होगी।
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