पटना 21 मार्च, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवा उद्यमियों को हरसंभव मदद करने का भरोसा देते हुये आज कहा कि सरकार स्टार्टअप शुरू करने के लिए आवेदन करने वाले सभी युवाओं को प्रत्येक स्तर पर सहायता करेगी। श्री कुमार ने यहां बिहार उद्यमिता सम्मेलन स्टार्टअप बिहार का उद्घाटन करने के बाद कहा, “युवा उद्यमियों के लिए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में इनकुवेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है। राज्य में युवाओं को उद्यमशीलता के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से अब तक आइडिया के आधार पर नीति का निर्माण किया गया और अब उसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहायता के लिये आवेदन करने वाले सभी युवा उद्यमियों को प्रत्येक स्तर पर मदद दी जाएगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में इसी तरह के एक कार्यक्रम में वह शामिल हुये थे। वहां उद्यमियाें की चर्चा के आधार पर अधिकारियाें की एक कमिटी बनाई गई और उन्हें सभी उद्यमियाें से बातचीत के आधार पर योजना बनाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार के सात निश्चयों में से एक निश्चय के तहत युवा उद्यमियाें काे बढ़ावा देन के लिये 500 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड बनाया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में स्टार्टअप नीति बनी थी जिसे इस वर्ष 17 मार्च को लागू कर दिया गया।
श्री कुमार ने कहा कि युवाओं को सशक्त बनाये बिना देश और राज्य का विकास नहीं हो सकता। बिहार में सर्वाधिक युवा आबादी है। यदि युवाओं को शिक्षित कर उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जाए तो एक से बढ़कर एक काम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सहायता प्राप्त करने के लिए आ रहे आवेदनों का पारदर्शी तरीके से मूल्यांकन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में आये युवा उद्यमियों से कहा, “स्टार्टअप के जरिये आप रोजगार की तलाश नहीं करेंगे बल्कि आप दूसरों को रोजगार मुहैया कराएंगे। आपके लिए इससे बेहतर और क्या हो सकता है। बिहार में हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं । हमें उद्यमिता को बढ़ावा देना है।” उन्होंने कहा कि यदि बिहार के युवाओं को चांद पर रोजगार का अवसर मिले तो वे वहां भी चले जाएंगे। श्री कुमार ने कहा राज्य में सामाजिक परिवर्तन की जरूरत थी जो शराबबंदी के जरिये पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी का व्यापक प्रभाव हुआ है। कुछ लोग इसे निजी अधिकार से जोड़कर देखते हैं लेकिन देश के संविधान और उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि शराब पीना या शराब का कारोबार करना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। शराबबंदी से लोगों को पैसे की बचत हो रही है। इसके अलावा पारिवारिक हिंसा, सड़क दुर्घटना और अपराध में भी कमी आई है।
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