- नीतीश का अभयदान, फिर भी भाजपा के अवधेश नारायण को नसीब हुई ‘लंगड़ी जीत’
साभार : वीरेंद्र यादव |
बिहार विधान परिषद के चुनाव में गया स्नातक सीट से भाजपा के उम्मीदवार अवधेश नारायण सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार का खुला समर्थन प्राप्त था। इसके बावजूद वे जीत के लिए निर्धारित कोटा (तय मत) हासिल नहीं कर सके। कोटा से कम वोट मिलने के बाद भी सबसे अधिक मत मिलने के आधार पर उन्हें निर्वाचित घोषित किया गया। उधर कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के संजीव कुमार सिंह ने कुल वैध मतों का करीब 80 फीसदी मत हासिल कर पहली वरीयता के वोटों से ही शानदार जीत हासिल की। गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से रालोसपा के संजीव श्याम सिंह और सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के वीरेंद्र नारायण यादव प्रथम वरीयता के वोट से नहीं जीत पाए। दोनों द्वितीय वरीयता के आधार पर मिले मतों को जोड़ने से कोटा का मत हासिल कर सके थे।
विधान परिषद की चार सीटों पर हुए मतदान में सबसे अधिक प्रतिष्ठा की सीट गया स्नातक सीट थी, जिस पर सभापति अवधेश नारायण सिंह भाजपा के उम्मीदवार थे। इस सीट पर जदयू भाजपा उम्मीदवार का खुला समर्थन कर रहा था, जबकि राजद ने पुनीत कुमार सिंह और कांग्रेस ने अजय कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था। चुनाव आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गया स्नातक सीट के लिए कुल 70496 पड़े थे, जिसमें से 5989 वोट अमान्य कर दिये गये। वैध मतों की संख्या 64957 थी। इस सीट से जीत के लिए कोटा (तय वोट) 32479 वोट था। अवधेश नारायण सिंह को प्रथम वरीयता के 26198 वोट मिले थे। जबकि राजद के पुनीत कुमार सिंह को 14765 मत मिले थे। दूसरी वरीयता के मतों की गिनती करने के बाद भी अवधेश नारायण सिंह को सिर्फ 31182 वोट ही मिले। दूसरी वरीयता के मिले वोट और अन्य उम्मीदवारों को हटाने (यह तकनीकी प्रक्रिया है) के बाद भी अवधेश नारायण सिंह को निर्धारित कोटा यानी 32479 वोट नहीं मिले। इसके बाद भी सबसे अधिक वोट मिलने के आधार पर उन्हें निर्वाचित घोषित किया गया। यानी उन्हें ‘लगड़ी जीत’ ही नसीब हुई।
गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र
गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के संजीव श्याम सिंह को निर्वाचित घोषित किया गया। वहां दूसरे स्थान पर लोजपा के डीएन सिन्हा रहे। इस सीट के लिए 11609 वोट डाले गये, जिसमें से 629 वोट अवैध घोषित किये गये। वैध मतों की संख्या 10980 थी। जीत के लिए 5491 वोट का कोटा तय हुआ। संजीव श्याम सिंह को प्रथम वरीयता के 4632 वोट मिले। लोजपा के डीएन सिन्हा को 1468 वोट मिला। दूसरी वरीयता के वोटों की गिनती और अन्य उम्मीदवारों को हटाने के बाद संजीव श्याम सिंह को 5674 वोट मिले यानी कोटा के लिए निर्धारित वोट हासिल करने में सफल रहे।
सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र
इस सीट के लिए जदयू के वीरेंद्र नारायण यादव निर्वाचित घोषित किये। प्रथम वरीयता के वोट उन्हें जीत के लायक नहीं मिले थे। इस सीट के लिए 60731 वोट डाले गए थे, जिसमें से 4028 मत अवैध घोषित किये गये, जबकि वैध मतों की संख्या 56703 थी। जीत के लिए कोटा 28352 वोट तय किया गया। जदयू के वीरेंद्र नारायण यादव को प्रथम वरीयता के 25355 वोट मिले, जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के महाचंद्र प्रसाद सिंह को 21905 वोट मिले। दूसरी वरीयता के मतों की गिनती और अन्य उम्मीदवारों को हटाने के बाद वीरेंद्र नारायण यादव को 28385 वोट मिले और इस प्रकार उन्हें कोटा से अधिक मत प्राप्त हो गया और निर्वाचित घोषित किये गये।
कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र
इस क्षेत्र में जदयू के संजीव कुमार सिंह को शानदार सफलता मिली और वे 80 फीसदी मतों को समेटने में सफल रहे। इस क्षेत्र में कुल 12012 वोट डाले गये, जिसमें से 983 वोट अवैध घोषित किये गये। वैध मतों की संख्या 11029 थी। जबकि कोटा के लिए निर्धारित वोट की संख्या 5515 थी। संजीव सिंह ने प्रथम वरीयता के 8309 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। भाजपा के जगदीश चंद्र को 2296 वोट मिले थे।
विधान पार्षदों का टर्म
अवधेश नारायण सिंह की पांचवीं बार, संजीव कुमार सिंह तीसरी बार, संजीव श्याम सिंह दूसरी बार और वीरेंद्र नारायण यादव पहली बार विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए है। इन सभी का शपथ ग्रहण 8 मई के बाद होगा।
साभार : वीरेंद्र यादव
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