पटना 22 मार्च, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति के सभापति और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने आज आरोप लगाया कि बिहार में दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को लेकर नीतीश सरकार की नीयत और नीति साफ नहीं है। श्री यादव ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शपथ लेने के बिहार समेत पांच अन्य राज्यों में एम्स जैसे राष्ट्रीय स्तर के अस्पताल की स्थापना करने की घोषणा की थी। इसके लिए शहर और भूमि का चयन राज्य सरकारों को करना है। अन्य राज्यों में इसकी पहल शुरू हो गयी है लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद नीतीश सरकार केन्द्र को यह नहीं बता सकी है कि बिहार में दूसरा एम्स कहां बनेगा। भाजपा नेता ने कहा कि एम्स की स्थापना के लिए कम से कम दो सौ एकड़ का भूखंड चाहिए जहां बिजली, पानी और सड़क उपलब्ध हो। अभी राजधानी पटना में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पिछले तीन वर्षों से जमीन और जगह की प्रतीक्षा कर रही है लेकिन राज्य सरकार इस मामले में पूरी तरह उदासीन बनी हुई है। श्री यादव ने कहा कि वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी बिहार में एम्स की स्थापना की घोषणा की थी । तब से भी केन्द्र जमीन और जगह के इंतजार में है । नया एम्स कहां बनेगा यह तय करना बिहार सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए कम से कम तीन और अधिक से अधिक चार स्थानों पर भूखंड का चयन करना होगा। इसके बाद ही तय होगा कि नये एम्स की स्थापना कहां होगी। भाजपा नेता ने कहा कि आश्चर्य है कि राज्य सरकार में केन्द्र की ओर से मिलने वाली इतनी बड़ी योजना के प्रति कोई सुगबुगाहट तक नहीं है । उन्होंने कहा कि दूसरी ओर बेवजह बिहार सरकार के मंत्री केन्द्र सरकार पर बिहार की उपेक्षा का ठीकरा फोड़ने से बाज नहीं आते हैं।
गुरुवार, 23 मार्च 2017
नये एम्स के प्रति नीतीश सरकार की नीयत और नीति में खोट : नंदकिशोर
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