पटना 22 मार्च, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं को कनेक्टिविटी की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आज बिहार दिवस के मौके पर राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाईफाई सेवा योजना शुरू की। श्री कुमार ने यहां राज्य की स्थापना की 105वीं वर्षगांठ पर आयोजित ‘बिहार दिवस’ कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर वाईफाई सेवा की शुरुआत करते हुये कहा, “वर्तमान आधुनिक दौर में बिना इंटरनेट के किसी भी प्रकार की सूचना और ज्ञान प्राप्त करने की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती। इसको ध्यान में रखते हुये इस ऐतिहासिक दिवस पर सात निश्चय के एक अंग के रूप में राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आज मुफ्त वाईफाई सेवा शुरू कर दी गई।” श्री कुमार ने कहा कि सरकार ने केवल वाईफाई सेवा ही शुरू नहीं की है बल्कि कॉलेज और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को निर्बाध इंटरनेट सुविधा देने के लिए लगातार बिजली उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की है। साथ ही स्थानीय प्रशासन मुस्तैदी से वाईफाई सुविधा को बहाल रख सकें, इसकी व्यवस्था भी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अध्ययन जारी रखने के लिए अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), पिछड़ा (ओबीसी) और अतिपिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के छात्र-छात्राओं को मिलने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति को आगे भी जारी रखेगी और कल ही मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। श्री कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य सरकार द्वारा पिछड़े एवं वंचित वर्ग के छात्र-छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति स्कीम बंद करने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि ऐसे आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पिछड़े एवं वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके मद्देनजर उन्हें इस स्कीम के लाभ आगे भी मिलते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग समाज में भ्रम फैलाने में मशगूल हैं। इससे बिहार की छवि खराब होती है। सभी को मालूम होना चाहिए कि राज्य सरकार ने बिना भेदभाव किये विद्यार्थियों के लिए सार्वभौमिक योजनाएं लागू की है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, साइकिल एवं पोशाक योजना का लाभ सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को प्राप्त हो रहा है।
श्री कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा को आगे भी जारी रखने के लिए ही सरकार ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम लांच की है। इस स्कीम के तहत विद्यार्थियों को राज्य सरकार की गारंटी पर चार लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह स्कीम ऐच्छिक है और छात्र-छात्राओं को पूरी स्वतंत्रता है कि वह या तो छात्रवृत्ति या क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) केवल 13 प्रतिशत है, जो सरकार के लिए चिंता का विषय है। जीईआर के स्तर में सुधार करने के लिए सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू किये जाने सहित कई आवश्यक कदम उठा रही है। श्री कुमार ने कहा कि राज्य में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए ही प्रत्येक जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज और राज्य में पांच चिकित्सा महाविद्यालय खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आने वाले दिनों में राज्य में बड़ी संख्या में पॉलिटेक्निक एवं नर्सिंग संस्थान भी स्थापित किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले साल 05 अप्रैल से पूरे राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की है और इसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। हालांकि यह अलग बात है कि शराबबंदी के बाद से राजस्व का नुकसान हुआ है लेकिन दूसरी ओर लोगों के शराब छोड़ने से 10 हजार करोड़ रुपये की बचत भी हुई है। उन्होंने कहा कि बचत की राशि को जनकल्याणकारी कार्यों में खर्च किया जाएगा। श्री कुमार ने कहा कि बिहार से पूरी दुनिया को नशामुक्ति का संदेश देने के लिए इस वर्ष 21 जनवरी को बनाई गई मानव श्रृंखला में चार करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लेकर सरकार के शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर बढ़ाये गये कदम को जबरदस्त समर्थन दिया है। इससे पूरे देश में मजबूत संदेश गया और कई राज्यों में शराबबंदी लागू करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब अन्य राज्य लागों के हित को ध्यान में रखते हुये शराबबंदी लागू करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिखों के 10वें गुरू गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व के सफल आयोजन से पूरी दुनिया में बिहार की छवि बेहतर हुई है। अब लोग बिहारवासियों को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं और राज्य में स्थापित प्रेम, सौहार्द्र और भाईचारा की सराहना भी करते हैं।
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