नयी दिल्ली 21 मार्च, काले धन को बड़ा मुद्दा बनाकर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आज राज्यसभा में स्वीकार किया कि देश और विदेशों में छिपा कर रखे गये काले धन की राशि के बारे में कोई सरकारी अनुमान उपलब्ध नहीं है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में यह बात कही। उनके जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने इस पर काफी हो-हल्ला किया जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। राष्ट्रीय जनता दल के राम जेठमलानी ने श्री जेटली के जवाब को अपर्याप्त बताते हुए इस पर कड़ी टिप्पणी की। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसका जोरदार विरोध किया और श्री जेठमलानी से माफी मांगने को कहा। सभापति ने उसी समय श्री जेटमलानी की टिप्पणी को असंसदीय बताते हुए कार्यवाही से हटा दिया। श्री जेटली ने कहा कि काले धन के बारे में कोई सरकारी अनुमान उपलब्ध नहीं है। विभिन्न व्यक्तियों, अर्थशास्त्रियों अौर संस्थानों द्वारा काले धन की राशि के बारे में अलग-अलग अनुमान दिये गये हैं जो विभिन्न तथ्यों, आंकड़ों, पद्धतियों और परिकल्पनाओं पर आधारित हैं। इनके कारण तरह-तरह के निष्कर्ष निकाले जाते हैं और इनमें एकरूपता तथा विश्वसनीयता की कमी है तथा यह विश्वसनीय अनुमान के अनुरूप प्रतीत नहीं होती। उन्होंंने कहा कि सरकार ने वित्त संबंधी स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर देश के भीतर और इसके बाहर की बेनामी आय और परिसम्पति के बारे में एक अध्ययन कराया है। सरकार इससे संबंधी रिपोर्ट को जल्द ही स्थायी समिति के समक्ष रखने वाली है। श्री जेठमलानी के एक सवाल पर श्री जेटली ने कहा कि जर्मन सरकार द्वारा मुहैया करायी गयी जानकारी के आधार पर एचएसबीसी बैंक के 628 खातों की जांच की गयी है और इनमें से 409 का आकलन कर 100 से अधिक मामलों में कार्रवाई भी की जा रही है।
मंगलवार, 21 मार्च 2017
पता नहीं देश-विदेश में भारत का कितना काला धन है : जेटली
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