नयी दिल्ली, 22 मार्च, विपक्ष ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत को लेकर राज्यसभा में आज ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका जताई और कहा कि चुनाव आयोग को वीवीपीएटी के लिए आवश्यक राशि उपलब्ध ना कराए जाने से सरकार की नीयत में खोट नजर आता है। उच्च सदन में चुनाव सुधारों पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने हालिया विधानसभा चुनावों, खासकर उत्तर प्रदेश में भाजपा की जबर्दस्त जीत के मद्देनजर ईवीएम :इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन: से छेड़छाड़ की आशंका जताई और कहा कि सरकार के व्यवहार से ऐसा लगता है कि दाल में काला नहीं, बल्कि ‘‘पूरी दाल ही काली है।’’ उन्होंने कहा कि अक्तूबर 2013 में उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपीएटी :वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल: की व्यवस्था करने को कहा था। 2014 में निर्वाचन आयोग ने केंद्र सरकार से इस व्यवस्था के लिए 3,100 करोड़ रपये की आवश्यक राशि मांगने के लिए पत्र लिखा। जब सरकार से राशि नहीं मिली तो निर्वाचन आयोग ने लगभग 10 रिमाइंडर भेजे। अंत में मुख्य चुनाव आयुक्त को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखना पड़ा। आजाद ने कहा कि सरकार के रवैये की वजह से अब तक सभी ईवीएम में वीवीपीएटी की व्यवस्था नहीं हो पाई। इसका मतलब है कि सरकार की नीयत में खोट था। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि दाल में काला नहीं, बल्कि ‘‘पूरी दाल ही काली है।’’
गुरुवार, 23 मार्च 2017
राज्यसभा में विपक्ष ने लगाया ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप
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