जज़्बा सांस्कृतिक मंच ने शहादत दिवस(23 मार्च 2017) पर भगत सिंह के लेखों पर चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया। इसमें युवा विद्यार्थियों ने अपनी पूरी सहभागिता दी। इस कार्यक्रम का आयोजन माखनलाल विश्वविद्यालय के परिसर में किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आज के दौर में भगत सिंह के विचारों की व्यवहारिकता और प्रासंगिकता को लेकर था। भगत सिंह के लेखों द्वारा समाज में व्याप्त अनेक शोषण की व्यवस्थाओं पर विद्यार्थियों ने चर्चा की। भगत सिंह हमेशा ऐसे आज़ाद भारत की कल्पना करते थे जहाँ कोई इंसान किसी इंसान का शोषण न करे। वे हमेशा से पूर्ण आज़ादी के समर्थक थे। समाज में व्याप्त अनेक बुराइयों का खात्मा करने के लिए, वे हमेशा वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तर्कसंगत तरीके से सवाल खड़ा करने की प्रेरणा युवाओं को देते हैं। जज़्बा सांस्कृतिक मंच लगातार लोकतान्त्रिक अधिकारों एवं समाज में निहित कुरीतियों के विरुद्ध लोगों के बीच काम करता रहा है। भोपाल में लगभग ढाई वर्षों से विभिन्न विश्वविद्यालयों के बच्चे जज़्बा सांस्कृतिक मंच द्वारा नुक्कड़ नाटक, कविता कहानियों और लेखों पर चर्चा, फ़िल्म स्क्रीनिंग और अनेक कला के माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। जज़्बा सांस्कृतिक मंच के साथियों की भी यही राय है कि समाज की रूढ़ियों को मिटाने के लिए युवाओं को उन समस्याओं को तार्किक रूप से समझकर, उनके विरुद्ध आवाज़ उठाने की ज़रूरत है। जज़्बा समूह से अभिषेक, लोकेश, शुभम, कृति, आयुष, अश्विनी, धीरेंद्र, कार्तिक, भावना, प्राची आदि अनेक पत्रकारिता के विद्यार्थियों ने विभिन्न आयोजनों द्वारा समाज को जागरूक करने का प्रयास किया है।
गुरुवार, 23 मार्च 2017
जज़्बा सांस्कृतिक मंच द्वारा शहादत दिवस पर भगत सिंह के विचारों पर चर्चा का आयोजन
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