सरकार अनाज खरीदती है किसानों से । खरीदी कीमत से कम कीमत पर सरकार आपुर्ति करती है जन वितरण प्रणाली की दुकान में ।बीपीएल कार्डधारियों को सरकार सब्सिडी में चावल और गेहूं उपलब्ध करवाती है। चावल ₹ 3 और गेहूं ₹2 में मिलता है। इस तरह की रियायत अनाज का दुरूपयोग करने की खबर है। चावल खरीद अनाज मंडी में बेच देते हैं । अरवा चावल प्रति किलो ₹ 15 में बेचते हैं । इसके बदले उसना चावल प्रति किलो ₹ 30 खरीदकर खाते हैं । दूसरी ओर अरवा चावल को खाने वाले ने कहावत चरितार्थ किया है। आम तो गुठली कादाम वसूल लेना। इन महिलाओं ने चावल को लाकर चुनचान किया । चलनी से चावल को छाना। चावल के टूटन खुद्दी को जमा किए । इसके बाद खुद्दी को भात की तरह पकाया। खुब पकने के बाद पेस्ट तैयार किए । इसमें गरम मशाला का पावडर डालें। इच्छानुसार स्वाद होने के छनौनी पारने लगे। आकर्षित दिखने के रंग डाले। 3 से 4 घंटे तक छनौनी पर नजर नहीं लगें। इसका ख्याल रखी हैं बांसकोठी की दलित महिलाओं ने। छनौनी के बीच में लाल मिर्च डाल दिए हैं । दिल और बात मिलने के बाद छनौनी को छानकर टेस्ट करने गरमागरम पेश किया गया । खाने में टेस्ट में बेस्ट लगा।
बुधवार, 22 मार्च 2017
बिहार : रियायत अनाज का दुरूपयोग
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें