नयी दिल्ली,22मार्च, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार कर चोरी करने वालों के साथ किसी भी प्रकार की रियायत नहीं बरतेगी और सामाजिक सुरक्षा तथा अन्य क्षेत्रों के वास्ते संसाधन जुटाने के लिए कर के दायरे में अधिक से अधिक लोगाें को लाया जाएगा। श्री जेटली ने लोकसभा में वित्त विधेयक 2017 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सामाजिक और अन्य कल्याणकारी कार्यों के लिए संसाधन जुटाने के लिए कर के दायरे में अधिक से अधिक लोगों को लाना जरूरी है। उन्होंने आयकर कानूनों में संशोधनाें काे लेकर विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं पर कहा कि अकारण ही किसी को तंग नहीं किया जाएगा। संशोधन का मकसद सिर्फ यह है कि जिसके यहां छापा डाला जा रहा है वह इसकी जानकारी हासिल करने की आड़ में बच नहीं पाए। इसमें कर चोरों की सूचना देने वाले को बचाने के लिए नयी व्यवस्था की गई है। सूचना देने वाले का ब्यौरा केवल अदालत को उपलब्ध कराया जाएगा। नोटबंदी को लेकर विरोध कर रहे सदस्यों को जवाब देते हुए श्री जेटली ने कहा कि जनता ने इस का राजनीतिक उत्तर दे दिया है। उनका इशारा पांच राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनाव परिणामों की ओर था। नोटबंदी के कारण कर संग्रह में गिरावट की आशंकाओं को दूर करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 2016-17 के बजट में 16 लाख 25 हजार करोड़ रूपए की प्राप्ति का अनुमान लगाया गया था। संशोधित अनुमानों में इसे बढ़ाकर17 लाख करोड़ रूपए किया गया है और सरकार को पूरा विश्वास है कि इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में कुल कर संग्रह का लक्ष्य 19.5 लाख करोड रूपए रखा गया है। वित्त मंत्री ने आयरकर रिर्टन के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने के पीछे तर्क देते हुए कहा कि एक एक आयकर दाता ने कई कई पैन कार्ड बनवा रखे हैं जिससे कर चोरी की संभावना रहती है। इसे खत्म करने के लिए आधार को अनिवार्य बनाया जा रहा है। हालांकि उन्हाेंने कहा कि आधार अनिवार्य बनाने से कर चोरी को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया जाएगा यह कहना मुश्किल है लेकिन इससे काफी हद तक कर चाेरों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने 29 संशोधनों के साथ वित्त विधेयक को ध्वनिमद से मंजूरी दे दी हालांकि कांग्रेस,तृणमूल कांग्रेस,वामदलो और बीजूजनता दल के सदस्यों ने उनके जवाब पर असंतोष जताते हुए सदन से वाकआउट किया। आगामी वित्त वर्ष को देश की कर प्रक्रिया के लिए परिर्वतन वाला बताते हुए श्री जेटली ने एक जुलाई से पूरे देश में वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी)लागू होने की उम्मीद जताई। उन्हाेंने कहा कि जीएसटी को लेकर राज्यों की आपत्तियों को लगभग सर्वसम्मति से दूर किया गया है। संविधान संशोधन के बाद जीएसटी काउंसिल का गठन हुआ। इसकी बारह बैठकों में विवादित मुद्दों पर लगभग सहमति हो गई है। काउंसिल के बनाए गए पांच कानूनों में से चार को संसद में पारित करना है और एक को विभिन्न राज्यों की विधान सभाओं से अनुमति ली जानी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को अमल में लाने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है लेकिन उम्मीद है कि राज्यों से मिले सहयोग और विवादित मुद्दों पर सर्वसम्मति से समाधान हो जाने से इसे एक जुलाई से लागू कर दिया जाएगा।
बुधवार, 22 मार्च 2017
कर चोरो पर कसेंगे नकेल : जेटली
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