मुंबई, 17 अप्रैल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भुवनेश्वर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की ओर से हर बूथ स्थर पर पार्टी को सशक्त बनाने और देश में राजनीतिक नक्शे को बदलने के आह्वान पर शिव सेना ने आज भाजपा से सहयोगी पार्टियों के प्रति गठबंधन नीति को स्पष्ट करने के लिए कहा है। शिव सेना के मुख पत्र सामना के आज के संपादकीय मे कहा है कि पार्टी के विस्तार के संबंध में विचार करना सही है लेकिन भाजपा को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एनडीए में शामिल 33 सहयोगी दलों को भोज में आमंत्रित किया गया था उनके संबंध में भाजपा को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि अकाली दल, टीडीपी और शिव सेना जैसी पार्टी अपने-अपने राज्यों मे पूरी ताकत के साथ खडी है। यह स्पष्ट होना चाहिए कि भाजपा को हमारी दोस्ती की जरूरत है या नहीं। हर पार्टी को अधिकार है कि वह अपनी पार्टी को आगे बढाये लेकिन भारत जैसे इतने बडे देश में सत्ताधारी पार्टी की जिम्मेदारी है कि विपक्षी पार्टी को भी मजबूत बनाये और यह सुनिश्चित करे कि संसदीय लोकतंत्र जारी रहे। शिव सेना ने कहा कि जो लोग सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ बोलते हैं उन्हें देशद्रोही नहीं समझा जाय अन्यथा जो लोकतंत्र बचा है वह समाप्त हो जायेगा। लेख में श्री शाह के उस टिप्पणी की भी आलोचना की गयी है जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा का स्वर्णकाल तब आयेगा जब पार्टी पंचायत से विधानसभा और संसद तक सत्ता में होगी। सामना में लिखा गया है कि किसी एक राजनीतिक पार्टी के लिए स्वर्णिम युग नहीं हो सकता लेकिन पूरे देश के लिए स्वर्णिम युग हो सकता है।
सोमवार, 17 अप्रैल 2017
गठबंधन नीति स्पष्ट करे भाजपा : शिव सेना
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