नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले की जांच प्रभावित करने के मामले में अपने ही पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ आज प्राथमिकी दर्ज की। उच्चतम न्यायालय ने डायरीगेट मामले में जुलाई 2015 में जाने-माने वकील प्रशांत भूषण की शिकायत पर श्री सिन्हा के खिलाफ जांच का जिम्मा विशेष निदेशक एम एल शर्मा को सौंपा था। सुनवाई के दौरान श्री भूषण ने अदालत में श्री सिन्हा के सरकारी आवास पर आने-जाने वाले लोगों की जानकारी संबंधी डायरी भी अदालत में पेश की थी। जांच एजेंसी के इतिहास में यह दूसरी बार है कि जब सीबीआई ने अपने ही किसी पूर्व निदेशक के खिलाफ आरोपों के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की है। जांच एजेंसी ने गत फरवरी में पूर्व निदेशक ए. पी. सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। उनके खिलाफ धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के आरोपी मांस कारोबारी मोईन कुरैशी को मदद करने का आरोप था। श्री सिन्हा वर्ष 2012 से 2014 तक सीबीआई के निदेशक रहे थे और उन पर आरोप है कि इस दौरान उन्होंने कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकात की थी, जिसमें कुछ राजनेता और कुछ कारोबारी शामिल थे। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि वह इस बात से प्रथम दृष्टया संतुष्ट है कि श्री सिन्हा ने अपने पद का दुरुपयोग किया था।
मंगलवार, 25 अप्रैल 2017
डायरीगेट मामला: रंजीत सिन्हा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
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