नयी दिल्ली 22 अप्रैल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज यहां केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर सिख युवकों को ब्लैकलिस्ट किये जाने का मुद्दा उठाते हुए सुझाव दिया कि किसी को भी धर्म के आधार पर ब्लैकलिस्ट नहीं किया जाना चाहिए, कैप्टन सिंह के इस कदम को ब्लैकलिस्ट किये गये सिख युवकों को समाज की मुख्यधारा में लाने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है । पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद कहा कि श्री सिंह ने माना कि कुछ युवकों को कई वर्षों से ब्लैकलिस्ट में रखे जाने से सिख समुदाय के युवकों की मानसिकता प्रभावित हो रही है । श्री सिंह ने इस मामले की समीक्षा पर सहमति जतायी और कहा कि इन लोगों के बच्चों को भारत आने की अनुमति देने पर विचार किया जायेगा। कैप्टन सिंह ने शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मुलाकात के दौरान भी यह मुद्दा उठाया था । उन्होंने आराेप लगाया कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने के लिए साजिश की जा रही है और केन्द्र सरकार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो तथा अन्य केन्द्रीय एजेन्सियों को राज्य में पवित्र वस्तुओं के अनादर तथा कुछ लोगों पर हमले के मामलों की घटनाओं की तेजी से जांच का निर्देश देना चाहिए । उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीमा पर दूसरी रक्षा पंक्ति खड़ी करने के लिए सीमा सुरक्षा बल की पांच अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की भी मांग की । राज्य में जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर बीएसएफ के जवानों की तैनाती की जरूरत पर भी उन्होंने बल दिया । पंजाब सीमा पर आतंकवादी हमलों और घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर इसे राष्ट्रहित का कदम बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए तत्काल लगभग 200 करोड रूपये की राशि की जरूरत होगी । उन्होंने पंजाब के लिए मंजूर की गयी दो भारत आरक्षी बटालियनों के लिए स्वीकृत राशि जारी करने की भी मांग की । पंजाब में पिछले साल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हिन्दुओं और शिव सेना के नेताओं को विशेष रूप से निशाना बनाये जाने का मामला उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई , केन्द्रीय एजेन्सियों और राज्य पुलिस के बीच तालमेल और सहयोग के बावजूद हत्यारों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है । उग्रवादियों और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा संघ की शाखाओं , डीएसएस के नाम चर्चा केन्द्रों , धार्मिक स्थानों और चुनिंदा लोगों को निशाना बनाये जाने की खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कैप्टन सिंह ने इस तरह के लंबित मामलों के समाधान के लिए प्रयास तेज किये जाने पर बल दिया । मुख्यमंत्री ने पंजाब की जेलों से कई कुख्यात कैदियों के फरार होने का मामला उठाते हुए राज्य की बड़ी जेलों में सीआईएसएफ या सीआरपीएफ के अतिरिक्त जवानों को तैनात करने का भी अनुरोध किया । उन्होंने पंजाब पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता की जरूरत बताते हुए पंजाब को ए श्रेणी का राज्य अधिसूचित करने का मुद्दा भी उठाया ।
शनिवार, 22 अप्रैल 2017
धर्म के आधार पर किसी को ब्लैकलिस्ट न किया जाये : अमरिन्दर
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