पटना, 22 अप्रैल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान सभा की लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने उत्तर बिहार की ‘लाइफलाईन’ कही जाने वाली गांधी सेतु की मरम्मति में लगातार हो रहे विलंब के लिए राज्य की नीतीश सरकार को जिम्मेवार ठहराया और कहा कि राज्य सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण सेतु की मरम्मत का काम नासूर बन गया है। श्री यादव ने आज यहां कहा कि दक्षिण बिहार को उत्तर बिहार से जोड़ने में अहम कड़ी गांधी सेतु की मरम्मत में राज्य सरकार जानबूझकर विलंब कर रही है। केन्द्र सरकार के 1355 करोड़ रूपये के व्यय से जनवरी 2017 में ही इसके सुपर स्ट्रक्चर को बदलने का काम शुरू होना था लेकिन प्रदेश सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण सेतु की मरम्मति ऐसा नासूर बन गया है जिसका इलाज करने में अब सरकार विफल साबित हो रही है। सरकार की गलती का खामियाजा उत्तर और दक्षिण बिहार के लाखों नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के भीतर गांधी सेतु में कई स्थानों पर दरार और गड्डे होने के कारण आम लोग सशंकित हो रहे हैं। केन्द्र ने इसकी मरम्मत के लिए 2800 करोड़ रूपये की व्यवस्था की। सड़क परिवहन मंत्रालय ने 1355 करोड़ की मंजूरी भी दी लेकिन पुल के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत की स्थिति मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की गयी वाली बनी हुई है। राज्य सरकार की लापरवाही के कारण वह दिन दूर नहीं दिखता जब किसी भी क्षण पुल आवागमन के योग्य नहीं रह पायेगा और उत्तर एवं दक्षिण बिहार में कोहराम की स्थिति होगी।
रविवार, 23 अप्रैल 2017
नीतीश सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति से गांधी सेतु की मरम्मति का काम अधर में : नंदकिशोर
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