नयी दिल्ली 14 अप्रैल, केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने आज कहा कि सरकार दस्तकारी, हथकरघा और रेशम उद्योग में काम करने वाले अनुसूचित जाति के लगभग 20 लाख कामगारों के कल्याण के लिए विशेष प्रयास कर रही है और हथकरघा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए इस समुदाय के लाभार्थियों को 75 प्रतिशत सबसिडी दी गयी है। संविधान निर्माता डॉ़ भीमराव अम्बडेकर की 126 वीं जयंती के अवसर यहां आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में श्रीमती ईरानी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पांच राज्यों में विभिन्न स्थानों पर हथकरघा बुनकरों, दस्तकारों, रेशम उद्योग के कामगारों, कौशल विकास प्रशिक्षुओं तथा लाभार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार ने कार्यस्थल पर शेड लगाने के लिए अनुसूचित जाति के बुनकरों को शत प्रतिशत सबसिडी देने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार ने अनुसूचित जाति के बुनकरों और दस्तकारों के परिवारों के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयों के जरिये स्कूली शिक्षा तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से विश्वविद्यालय की शिक्षा के लिए फीस में 75 प्रतिशत सबसिडी देने का निर्णय लिया है । इस अवसर पर श्रीमती ईरानी ने देश के विभिन्न भागों के अनुसूचित जाति से जुड़े लाभार्थियों को अपने मंत्रालय की कल्याण योजनाओं के तहत लाभ प्रदान किये और कपड़ा मंत्रालय में विकास आयुक्त (हथकरघा) और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किये गये । केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने समझौते के बारे में कहा कि यह समझौता सरकार की ‘सबका साथ-सबका विकास’ के दर्शन के अनुरूप अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों के कल्याण कार्य को बढ़ायेगा। इस अवसर पर केन्द्रीय सिल्क बोर्ड के अध्यक्ष के एम हनुमंतरयप्पा, वस्त्र मंत्रालय में सचिव रश्मि वर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में सचिव जी लता तथा अन्य उच्चाधिकारी मौजूद थे ।
शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017
सरकार अनुसूचित जाति के कामगारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध : स्मृति
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