नयी दिल्ली, 18 अप्रैल, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) मीशन में छेड़छाड़ पर चल रही बहस के बीच आम आदमी पार्टी(आप) आज दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंची । पार्टी याचिका दाखिल करके न्यायालय से अनुरोध किया है कि दिल्ली के तीनों निगमों के चुनाव में ईवीएम के साथ वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों का इस्तेमाल किया जाये । बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों के बाद कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने भी आवाज बुलंद की है। आप और कांग्रेस ने 23 अप्रैल होने वाले दिल्ली के तीनों निगमों के चुनाव ईवीएम के बजाय मतपत्रों से कराने की मांग की है। कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दल ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग में अपनी शिकायत के अलावा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के यहां भी गुहार लगा चुके है। वीवीपीएटी मशीन को ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है और मतदाता जब अपना वोट डालता है तो इस मशीन से एक पर्ची निकलती है जो इस बात का सबूत रहती है कि उसने किसको वोट डाला, वोट उसी के खाते में गया । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मतपत्र के जरिये निगमों के चुनाव कराने को लेकर लगातार मांग कर रहे है और चुनाव आयोग तथा आप पार्टी में इसे लेकर पिछले कई दिनों से विचारों का तेज आदान-प्रदान हो रहा है। उच्च न्यायालय में याचिका निगम का चुनाव लड़ रहे मोहम्मद ताहिर हुसैन ने दायर की है।
मंगलवार, 18 अप्रैल 2017
ईवीएम का मसला दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचा
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