दिन गुरुवार को ईंट भट्ठों में हो रहे बाल श्रम को रोकने के लिये बाल कल्याण समिति चेयरपर्सन अमरेन्द्र यादव, जिला श्रम अधीक्षक एच के दास व एलइओ एल के बर्णवाल ने रेस्कयू ऑपरेशन के तहत सरडीहा को अपना केन्द्र बनाया। टीम के सदस्यों ने एक ईंट भट्ठा में झोपड़ी के बाहर कुछ बच्चों को खेलते हुए देखा। बच्चों के अभिभावकों से पूछने पर ज्ञात हुआ कि बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जा रहा हैं। अभिभावकों का कहना था स्कूल में नामांकन नहीं लिया जाता है। एक अनाथ बालक (लगला जामा निवासी) अपनी बहन के साथ उसके ससुराल में रह रहा है। पिछले साल से नामांकन का प्रयास किया तो शिक्षक ने दुमका से शपथ पत्र बना कर देने पर ही नामांकन लेने की बात कही थी। बच्चे की दीदी फूल कुमारी देवी ने कहा की बच्चे स्कूल जाना चाहते ह,ै पर नामांकन नहीं हो रहा है। दूसरे बच्चे को स्कूल में अंडा और खाना मिलता देख उनके बच्चे रोते है। रेस्कयू टीम ने जब यह कहा कि बिना कागज के बच्चों का नामांकन स्कूल में कराया जाऐगा तो बच्चों के अभिभावकों की खुशी का ठिकाना नहीं था। रेस्क्ूय टीम के सदस्यों ने अभिभावक सहित तीनों बच्चों को उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सरडीहा में नामांकन कराया। प्रधानाध्यापक से अभिलम्भ बच्चों को छात्रवृत्ति सहित अन्य सुविधाऐं मुहैया करवाने का आग्रह किया गया। विद्यालय चलो चलें अभियान को गंभीरता से लेने की बात भी समिति की ओर से कही गईं सीडब्लूसी चेयरपर्सन अमरेन्द्र यादव ने कहा की कई वर्षों से चल रहे विद्यालय चलों चलें अभियान पूर्णतः फ्लॉप शो हो गया है पदाधिकारी एसी चेम्बर से बाहर निकलना मुनासिफ नहीं समझते है बच्चों के भविष्य से इनका लेना देना नहीं है। अभियान के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति होती है। इन बच्चों का कराया नामांकन। राजू मिर्धा 10 वर्ष, सोनू मिर्धा 06 वर्ष, रीना कुमारी 04 वर्ष।
शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017
दुमका : रेस्क्यू आॅपरेशन के तहत बच्चों को पहुँचाया स्कूल, अभिभावकों में दिखा उत्साह
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