नयी दिल्ली, 20 अप्रैल, न्यायाधीश बनाये जाने के लिए वकीलों के नाम पर विचार करते वक्त उनके द्वारा की गयी मुफ्त कानूनी सेवा को भी ध्यान में रखा जायेगा। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने गरीबों को मुफ्त कानूनी सलाह देने के लिए तीन नयी सेवाएं शुरू करने के अवसर पर आज यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि जज बनाने के लिए जब भी किसी वकील के नाम पर विचार किया जायेगा, उसके द्वारा गरीबों के लिए दी गयी मुफ्त कानूनी सेवा को भी मद्देनजर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि वह उन्हीं वकीलों के नाम पर गम्भीरता से विचार करेगी जिन्होंने अपनी स्वेच्छा से गरीबों की कानूनी सेवा की है, जिन्होंने इस पेशे के प्रति ईमानदार प्रतिबद्धता दिखायी है। कानून मंत्री ने कहा कि जो वकील स्वेच्छा से गरीबों और जरूरतमंदों को कानूनी सेवा उपलब्ध कराना चाहते हैं वे न्याय विभाग से ऑनलाइन पंजीकरण करायेंगे। गरीब और जरूरतमंद वादी एवं प्रतिवादी मुफ्त कानूनी सेवा के लिए ऑनलाइन आवेदन करके सेवा प्राप्त कर सकते हैं। आज शुरू की गयी योजनाओं में ‘प्रो-बोनो लीगल सर्विसेज’ के अलावा ‘टेली-लॉ सर्विस’ तथा ‘न्याय मित्र योजना’ शामिल है।
शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017
मुफ्त कानूनी सेवा करने वाले वकील बन सकेंगे जज
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