नैक की ग्रेडिंग के नए मानक बनाये जायेंगे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 25 अप्रैल 2017

नैक की ग्रेडिंग के नए मानक बनाये जायेंगे

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नयी दिल्ली , 25 अप्रैल, देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों और दुनिया भर में हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) अपने मानकों एवं मूल्यांकन पद्धति में बदलाव ला रहा है ताकि विश्वविद्यालयों एवं काॅलेजों में शिक्षक को समावेशी एवं मानवीय बनाया जाए और लैंगिक भेदभाव को दूर किया जा सके तथा उनमें पेशेवर नैतिकता का पालन हो । मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज यहां नैक द्वारा इस विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में बदलाव हो रहा है और देश भी बदल रहा है, इसलिए शिक्षा में भी बदलाव की जरूरत है तथा शिक्षक की गुणवत्ता को निर्धारित करने वाली संस्थाओं को भी बदलने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने वाली संस्थाओं की संख्या बढ़नी चाहिए ताकि इससे शैक्षणिक संस्थाओं में आपसी प्रतिस्पर्धा हो । उन्होंने कहा कि भारतीय रैंकिंग प्रणाली विकसित होने से काॅलेजों तथा विश्वविद्यालयों में आपसी स्पर्धा बढ़ी है । उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के अभाव में ही पिछले तीन साल में देश में 400 इंजीनियरिंग काॅलेज बंद हो गए और सरकार ने नहीं बल्कि खुद छात्रों ने इसे बंद किया क्योंकि इनकी गुणवत्ता बहुत ख़राब थी । उन्होंने कहा कि आज कोई छात्र पहले अपने काॅलेज और विश्वविद्यालय की गुणवत्ता नैक प्रत्यायन में मिले ग्रेड को देखकर उसमें दाखिला लेना चाहता है । उन्होंने यह भी कहा कि देश मैं शैक्षणिक संस्थाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने वाली ऐसी विश्वसनीय संस्थाएं होना जरूरी हैं ताकि उच्च शिक्षा का स्तर बढ़े । उन्होंने आईआईटी के लिए भी एक अलग मूल्यांकन परिषद् गठित किये जाने का सुझाव देते हुए कहा कि संभव है 28 अप्रैल को आईआईटी काउंसिल की प्रस्तावित बैठक में आईआईटी से जुड़े लोग फैसला लें । श्री जावडेकर ने नैक को सुझाव दिया कि वह 15 अगस्त तक अपने नये मानकों का प्रारूप तैयार कर ले ताकि इसे एक सितम्बर से पूरे देश में लागू  किया जा सके। नैक के निदेशक प्रोफेसर डी पी सिंह ने कहा कि देश और उससे बाहर हो रहे बदलावों को देखते हुए अन्तरराष्ट्रीय मानकों के मद्देनज़र हम पिछले तीन महीने से नैक के नये मानकों को निर्धारित करने के लिए सभी संबद्ध पक्षों से विचार-विमर्श कर रहे हैं और तीन कार्य दल भी गठित किये हैं । इनमें से एक का संबंध विश्वविद्यालय, दूसरे का स्वायत्त् कॉलेजों तथा तीसरे का संबद्ध काॅलेजों से है । अब तक 80 विशेषज्ञों से भी विचार-विमर्श किया जा चुका है । उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं में लैंगिक भेदभाव दूर करने के साथ उन्हें दिव्यांगों के अनुकूल बनाने की जरूरत है तथा उन्हें सामाजिक रूप से जवाबदेह भी बनाया जाना चाहिए और इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि छात्रों को अपने काॅलेज तथा विश्वविद्यालय से कितना संतोष हो रहा है । उन्होंने कहा कि देश के दो सौ शिक्षण संस्थाओं में उन्होंने पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया है और अभी तक सौ लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं । समारोह में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष वी एस चौहान भी उपस्थित थे ।

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