पटना। सूबे के सीएम ने किया गया है करने का संकल्प विकास का। इसके आलोक में सरकार ने सात सूत्री निश्चय कर रखा है। इस निश्चय को पूर्ण करने का दायित्व सरकार और नौकरशाहों के माथे पर है। नौकरशाहों ने ठेकेदारों के माध्यम से कार्य निष्पादन करने लगे हैं जिसका परिणाम सामने है। आप पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल वार्ड नम्बर 22 ए की समस्या और समाधान से सहज ढंग से समझ लेंगे। जरा ध्यान देकर पढ़े और समझे।
हर घर नल का जल : दीघा थाना क्षेत्र में है बांसकोठी। बांसकोठी में है तटबंध संख्या 95,96 और 97। इस तटबंध के अंदर में सैकड़ों परिवार रहते हैं। हर घर नल का जल उपलब्ध नहीं है। हालांकि 2 जलापूर्ति केन्द्र और 1 जलमिनार है। 1 आई टी आई के पास और 2 आई टी आई छात्रावास के पास है। आई टी आई छात्रावास के पास जलापूर्ति केन्द्र और जलमिनार है। आजतक जलमिनार चालू नहीं किया जा सका है। दो जलापूर्ति केन्द्र होने के बावजूद भी लोगों को पेयजल नहीं मिल रहा है। मजे की बात है कि लोगों ने घर के अंदर तक पाइप संयोजन कर रखा है। दुर्भाग्य से पानी घर के अंदर तक नहीं पहुंच पाता। हाल यह है कि पाइप के सहारे पानी को सुड़क कर लाना पड़ता है। काफी हो हल्ला और इस मामले को उछालने के बाद मसला को सलटाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। बिहार वाटर बोर्ड के कर्मी आये थे। आई टी आई के सामने वाले जलापूर्ति केन्द्र के मुख्य पाइप से संयोजन करने का कार्य किये। मुख्य पाइप 6 ईंच का है। यहां से संयोजन करके 4 ईंच वाला पाइप को तटबंध वाले पाइप से संयोजन कर दिया जाएगा। ऐसा करते ही तटबंध 95,96 और 97 के अंदर रहने वालों को पानी मिलना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही हर घर नल का जल संकल्प पूर्ण हो जाएगा। आजतक की खबर है और इंतजार करें कलतक।
शौचालय निर्माण,घर का सम्मान : पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के नाम से चर्चित लालू नगर मुसहरी (बालूपर) में शौचालय नहीं है। महादलित मुसहर समुदाय के नर-नारी और बच्चे खुले आसमान के नीचे शौचक्रिया करते हैं। स्वच्छ भारत निर्माण अभियान के तहत लालू नगर मुसहरी में 16 शौचालय निर्माण कार्य शुरू हुआ। ठेकेदार 2016 में 16 शौचालय निर्माण शुरू किया। अंदर में बैठकर शौचालय करने योग्य कार्य निर्माण करने के बाद ठेकेदार होली की छुट्टी मनाने घर चला गया। इसके बाद लौटा ही नहीं। इसके कारण मल भंडारण और पानी सोख्ता बना नहीं। इसके कारण लोगों की परेशानी बढ़ गयी। आम के मौसम में रात्रि पहर पहरेदार रहते हैं। वहीं धड़ल्ले से मकान निर्माण होने से शौचक्रिया करने लायक जगह भी नहीं है। लोग हलकान हैं। खुद चंदा करके अधूरे कार्य को पूरा करना चाह रहे थे मगर महादलित मुसहर समुदाय के लोग सफल नहीं हो सके। तो ऐसे सरकार, नौकरशाह और ठेकेदार की तिकड़ी से शौचालय निर्माण,घर का सम्मान दिया जा रहा है। घर तक, पक्की गली-नालियां- मखदुमपुर पोस्ट आॅफिस के बगल में है गली। यह मखदुमपुर बगीचा की ओर जाती है। इसे देखकर ही ज्ञात हो जाती है गली का हाल। घर से सजधजकर निकलते हैं और यहां नाली के पानी में हेलते हैं। उसी तरह बाहर से आते समय भी लोग दूषित पानी में हेलकर घर की ओर प्रस्थान करते हैं। मुश्किल है आवाजाही करना। वैकल्पिक गली को बंद कर दिया गया है। एकमात्र गली है उसी से आवाजाही करना पड़ता है। जानकार लोगों का कहना है कि नाली का संयोजन मुख्य सड़क के भूगर्भ नाला से है। उक्त भूगर्भ नाला की निकासी नहीं है। इसके कारण पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है। इसका दुष्परिणाम सामने है। वार्ड नम्बर 22 ए के वोटर ने कह दिया है कि इसका समाधान जरूरी है। जो समाधान करेगा उनको ही झोलीभर के वोट प्राप्त होगा। ऐसा नहीं करने वालों का भविष्य में अधर में लटक जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें