नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, अनुभवी भारतीय गोलकीपर सुब्रत पाॅल राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी(नाडा) के डोपिंग परीक्षण में विफल होने के बाद परेशानी में घिर गये हैं और अब वह अपने बी सैम्पल की जांच कराएंगे। अनुभवी फुटबालर को नाडा के 18 मार्च को किये गये परीक्षण में प्रतिबंधित दवाओं के सेवन का दोषी पाया गया है। उनके ए नमूने की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। अखिल भारतीय फुटबाल संघ(एआईएफएफ) को भी नाडा ने इससे अवगत करा दिया है। बताया जा रहा है कि पॉल का ए सैम्पल पाजिटिव पाया गया है। पाॅल पर करीब चार वर्ष का प्रतिबंध लगने की संभावना है। हालांकि खुद को निर्दोष बता रहे पाॅल ने अब अपने बी सैम्पल की जांच कराने की बात कही है। भारतीय खिलाड़ी ने कहा है कि वह पूरी तरह से निर्दाेष हैं और उन्होंने कभी भी प्रतिबंधित दवाओं का सेवन नहीं किया है। वह इसे साबित करने के लिये निश्चित ही बी नमूने की जांच को तैयार हैं। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि सुब्रत को एआईएफएफ ने निलंबित किया है या नहीं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय फुटबाल महासंघ(फीफा) के नियमानुसार कोई भी खिलाड़ी यदि डोप परीक्षण में विफल होता है तो परिणाम के एक सप्ताह के भीतर ही उसे निलंबित किये जाना अनिवार्य होता है।
स्पाइडरमैन के नाम से मशहूर 30 वर्षीय पॉल का कंबोडिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दोस्ताना मैच से पूर्व मुंबई में परीक्षण किया गया था। यह परीक्षण नाडा के अधिकारियों ने किया था। पॉल ने वर्ष 2007 में भारतीय टीम में पदार्पण किया था और राष्ट्रीय टीम की ओर से 64 मैचों में खेल चुके हैं। अर्जुन अवार्डी पाॅल फिलहाल आई लीग में डीएसके शिवाजियंस के लिये खेलते हैं। इससे पहले फुटबालर अरूण मल्होत्रा, निशांत मेहरा और डेन पिएरा भी डोप टेस्ट में फेल होने के कारण निलंबन झेल चुके हैं। इस बीच एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने इस खबर की पुष्टि करते हुये कहा“ नाडा ने पाॅल के मूत्र का नमूना 18 मार्च को लिया था जब भारतीय टीम मुंबई में राष्ट्रीय कैंप के लिये रवाना होने वाली थी। उस दौरान पाॅल के अलावा बाकी खिलाड़ियों की भी जांच की गयी थी।”
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