मधुबनी : तलाक एक हो, दो हो अथवा तीन हो सभी गलत है : मौलाना मो. वली रहमानी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 26 अप्रैल 2017

मधुबनी : तलाक एक हो, दो हो अथवा तीन हो सभी गलत है : मौलाना मो. वली रहमानी

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मधुबनी/अरडीया संग्राम । (मोoआलम), आॅल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महासचिव मौलाना मो. वली रहमानी ने कहा कि तलाक एक हो, दो हो अथवा तीन हो सभी गलत है। तलाक किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। तलाक से सभी को बचना चाहिए। वे मंगलवार की रात अरड़िया संग्राम के आरफीया मदरसा में प्रेस से बाते करते हुए उक्त बातें कही। उन्होंने गो हत्या एवं तीन तलाक जैसे ज्वलंत मामले पर खुलकर अपनी बातें रखी। मौलाना रहमानी ने कहा कि तीन तलाक का मामला मुस्लिम धर्म से जुड़ा है इसलिए सरकार वेवजह तुल दे रही है। आज लगता है कि जैसे हिन्दुस्तान में तीन सिर्फ तीन तलाक का एक मात्र मुद्दा है। इस मामला में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वस्तुतः स्थिति स्पष्ट होगी। संविधान के आर्टकिल 25 में धार्मिक स्वतंत्रता का हक माना गया है। संविधान की धरा 26 में ये हक दिया गया है कि देश का हर निवासी अपने परंपरा रितिरिवाज व मान्यता पर अमल कर सकता है। इसमें पार्लियामेंट अथवा कोट हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इसी आधार पर आसाम के कामख्या मंदिर में कोर्ट ने निर्णय दिया, कि वहां महंथ के चयन में महिलाओं का योगदान नहीं होगा। यह निर्णय एक जाति के मर्द के द्वारा ही वोट देने की पुरानी परंपरा के आधार पर ही दी गयी है। ठीक यही हाल और परंपरा एक, दो या तीन तालाक का भी है। कहा कि आरटीआई से इस बात का खुलासा हुआ है कि वर्ष 2011 सं 2017 तक देश में तीन तलाक के मामले 1307 ही है। मुस्लिम में तीन तलाक का रिकार्ड गवाह है कि तलाक की संख्या सबसे कम मुस्लिम में हो रहा है जबकि इससे कहीं ज्यादा हिन्दू, सिख एवं इसाई संप्रदाय में इसका प्रचलन है। जहा तलाक लेना के लिए सालों साल कोर्ट का चक्कर लगान पड़ता है तो काफी कठिन है। बावजूद मुस्लिम समुदाय में तलाक की संख्या सबसे कम होना एक अच्छी बात है। फिर भी सरकार तीन तलाक मामले को ऐसे बता रही है कि यह देश का सबसे बड़ा मुद्दा हो। मौलाना ने एक उदाहरण के तौर पर बताया कि यूपी की योगी सरकार तीन तलाक से पीड़ीत लोगो के लिए शरणस्थली खोली है। यह अच्छी बात है।

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