कोलकाता 30 मई, पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा है कि राज्य को वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी) वर्तमान रूप में स्वीकार्य नहीं है। नरेन्द्र मोदी सरकार आर्थिक सुधारों की दिशा में अब तक के सबसे बड़े कदम जी.एस.टी को इस वर्ष एक जुलाई से लागू करना चाहती है। कई राज्य सरकारें विधानसभा में इसे पारित भी कर चुकी हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने अभी तक इसे पारित नहीं किया है। श्री मित्रा ने आज यहां कहा कि मौजूदा स्वरूप में जी.एस.टी पश्चिम बंगाल को मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा “ पश्चिम बंगाल को मौजूदा स्वरूप में जी.एस.टी. स्वीकार्य नहीं है। मैं इस मसले को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के समक्ष पहले भी उठा चुका हूं और तीन जून को होने वाली बैठक में फिर उठाऊंगा।” जी.एस.टी को फिलहाल स्थगित करने का आग्रह करते हुए श्री मित्रा ने सवाल किया कि क्या लघु और मध्यम उद्योग जी.एस.टी के लिये पूरी तरह तैयार हो सकते हैं, लेकिन उनको माल आपूर्ति करने वाले अभी भी दुविधा में हैं। फिक्की के पूर्व महासचिव रहे श्री मित्रा 2016 में राज्य के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष थे और जी.एस.टी के लिये राज्यों को एक जगह लाने में अहम भूमिका निभाई थी। पिछले साल नवम्बर में जी.एस.टी बैठक से बाहर निकल आये श्री मित्रा ने कहा था कि केन्द्र पूरी तैयारी के इस कर कानून को थोपना चाहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्वरूप में फुटवियर, चमड़ा उत्पाद और मनोरंजन कर समेत कई उत्पादों पर कर की दरों को लेकर आपत्तियां हैं। जी.एस.टी अमल में लाने से पहले इनके समाधान की जरूरत है।
बुधवार, 31 मई 2017
वर्तमान रूप में पश्चिम बंगाल को जीएसटी स्वीकार्य नहीं : मित्रा
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