नयी दिल्ली, 04 अप्रैल, राजधानी के कुख्यात निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों को फांसी की सजा मिलेगी या राहत, इस पर उच्चतम न्यायालय में कल फैसला आ सकता है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के समक्ष मुकेश, पवन, विनय और अक्षय की अपील को कल फैसले के लिए सूचीबद्ध किया गया है। शीर्ष अदालत कल अपराह्न दो बजे फैसला सुनायेगी। न्यायालय ने गत 27 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय यह तय करेगा कि राजधानी में 16 दिसम्बर 2012 को एक पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों को दी गयी फांसी की सजा बरकरार रखी जाये या उन्हें कुछ ढील दी जाये। राजधानी की एक त्वरित अदालत ने निर्भया मामले के चारों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनायी थी, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 मार्च 2014 को सही ठहराया था। इसके खिलाफ इन लोगों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इन चारों के अलावा एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में ही आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य नाबालिग आरोपी को बाल अपराध न्याय बोर्ड ने सुधार गृह भेज दिया था। उसने सुधार गृह में सजा के अपने तीन साल पूरे कर लिये हैं। दोषियों की अपील पर उच्चतम न्यायालय ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद तीन न्यायाधीशों की पीठ को यह मामला भेज दिया गया था। न्यायालय ने अपनी मदद के लिए दो न्याय-मित्र नियुक्त किये थे।
शुक्रवार, 5 मई 2017
निर्भया मामला : सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनायेगा फैसला
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